Dhruv Jurel: कौन है ध्रुव जुरेल? धोनी को मानते हैं आदर्श

उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले ध्रुव जुरेल इंग्लैंड के खिलाफ जारी चौथे टेस्ट मैच में सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे ध्रुव जुरेल ने भारत की पहली पारी में 90 रन बनाए इससे पहले राजकोट टेस्ट में उन्होंने 46 रन की शानदार पारी खेली, ध्रुव ने अपने इस प्रदर्शन से क्रिकेट जगत में खलबली मचा दी।

Dhruv Jurel: कौन है ध्रुव जुरेल? धोनी को मानते हैं आदर्श
Dhruv Jurel: कौन है ध्रुव जुरेल? धोनी को मानते हैं आदर्श Cricinformer

विकेटकीपर ध्रुव जुरेल ने बल्लेबाजी करते हुऐ रांची टेस्ट में 6 चौके और चार छक्के लगाकर इंग्लैंड गेंदबाजों की जमकर पिटाई की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डेब्यू सीरीज में ध्रुव के दमदार प्रदर्शन से टीम व देश के लोग काफी खुश हैं माना जा रहा है की धर्मशाला टेस्ट 7 से 11 मार्च में उन्हें मौका दिया जा सकता है

आईपीएल 2023 में चर्चा में आए थे ध्रुव जुरेल

आईपीएल में पहला मौका 2023 में मिला ध्रुव ने 5 अप्रैल 2023 को गुवाहाटी में पंजाब किंग्स के खिलाफ बतौर इंपैक्ट प्लेयर डेब्यू किया ,अपने पहले ही मैच में उन्होंने 15 गेंद पर 32 रन की  जबरजस्त पारी खेली इसके बाद ही वह चर्चा में आ गए ध्रुव ने अब तक 13 आईपीएल मैच खेले हैं जिसमें 172.72 के स्ट्राइक रेट से 152 रन बनाएं और आईपीएल 2024 के लिए राजस्थान ने इस विस्फोटक बल्लेबाज विकेटकीपर के रूप में शामिल किया है।

Dhruv Jurel: कौन है ध्रुव जुरेल? धोनी को मानते हैं आदर्श
ध्रुव सिंह जुरैल इंग्लैंड के खिलाफ खेली जारी टेस्ट सीरीज में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। सोश्लमीडिया

धोनी को मानते हैं अपना आदर्श

ध्रुव जुरेल महेंद्र सिंह धोनी की तरह भारतीय टीम की कप्तानी भी करना चाहते हैं विकेट के पीछे धैर्य और चतुराई के साथ विपक्षी बल्लेबाजों को फसाने में उन्होंने महारत हासिल की है वहीं बल्लेबाजी में वह  एबी डीविलियर्स को अपना आदर्श मानते हैं फिटनेस के मामले में जुरैल विराट कोहली को अपना आदर्श मानते हैं इस साल आईपीएल में अपनी प्रतिभा दिखाने के बाद अब उनके पास देश को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला है रोहित और विराट जैसे दिग्गज बल्लेबाजों की देखरेख में 22 साल के ध्रुव के पास अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए अभी काफी समय भी है और इसके चलते ध्रुव सिंह जुरैल इंग्लैंड के खिलाफ खेली जारी टेस्ट सीरीज में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।

प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन की बदौलत ध्रुव को भारत एक ही टीम में भी जगह मिली हाल ही में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर गई टीम इंडिया का वह हिस्सा थे ध्रुव ने चार दिवसी मैचों में से एक में 69 रन बनाए और तीन कैच भी पकड़े , इसके बाद चयनकर्ताओं ने इस युवा खिलाड़ी को इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में मौका देने का फैसला किया वह भले ही पहले दो टेस्ट मैच में बतौर विकेटकीपर टीम मैनेजमेंट की पहली पसंद ना हो लेकिन सीनियर भारती पुरुष ड्रेसिंग रूम में होने का अनुभव आगरा में जन्मे दाएं हाथ के इस बल्लेबाज के लिए काफी अहम भूमिका रही महेंद्र सिंह धोनी के प्रशंसक ध्रुव को उम्मीद है कि वह अपने आदर्श के पद चिन्ह पर चलते हुए रांची के इस दिग्गज क्रिकेट की तरह ही सफल क्रिकेट खिलाड़ी बनेंगे।

टीम को जिताया अंडर-19 एशिया कप

ध्रुव उत्तर प्रदेश के लिए अंडर – 14 और अंडर – 16 आयु वर्ग क्रिकेट खेल चुके हैं इसके बाद उन्हें 2020 में विश्व कप के लिए भारत की अंडर-19 टीम के लिए चुना गया था यहां से ध्रुव ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा वह 2020 में देश की अंदर-19 टीम के उप कप्तान भी बनाए गए थे उनकी टीम अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में बांग्लादेश से हार गई ।लेकिन ध्रुव ने अपनी कप्तानी में अंडर-19 एशिया कप जीता करियर की शुरुआत में ध्रुव ऑफस्पिन गेंदबाजी करते थे ,लेकिन उनकी गेंदबाजी कुछ खास नहीं थी, ऐसे में उन्होंने विकेट कीपिंग में हाथ आजमाया और इस रोल में उन्होंने सभी को प्रभावित किया। इसके साथ ही वह मध्यक्रम बल्लेबाज होने के साथ ही विकेटकीपर भी बन गए और उन्होंने बैटिंग और विकेट कीपिंग में काफी अच्छा प्रदर्शन किया चयनकर्ताओं ने उनको आगे मैचों में खेलने के लिए मौके कई प्रदान किए।

पिता की इच्छा के बिना क्रिकेट खेलना शुरू किया

उत्तर प्रदेश के आगरा में जन्मे ध्रुव जुरैल क्रिकेट जगत में पहुंचना इतना आसान नहीं था ,उनके संघर्ष की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। 22 वर्षी खिलाड़ी के पिता नहीं चाहते थे कि वह क्रिकेटर बने वह बेटे को अपनी तरह ही देश की सेवा में समर्पित करना चाहते थे दरअसल ध्रुव के पिता नेम सिंह भारतीय सेवा में थे जिन्होंने कारगिल युद्ध में भाग लिया था । 2001 में ध्रुव का जन्म हुआ छोटी उम्र से ही वह क्रिकेटर बनन चाहते थे लेकिन पिताजी क्रिकेटर नहीं बनना चाहते थे।

आर्मी स्कूल में पढ़ाई के दौरान उन्होंने तैराकी के कैंप में जाना शुरू कर दिया था, लेकिन उन्हें स्विमिंग से ज्यादा क्रिकेट में रुचि थी जब स्कूल में तैराकी की कक्षाएं चलती थी तो ध्रुव क्रिकेट खेला करते थे उन्हें क्रिकेट इतना पसंद आया कि उन्होंने तैराकी से अपना नाम हटाकर क्रिकेट में लिखवा लिया। जब उनके पिता को इसका पता चला तो काफी गुस्सा हुए ,लेकिन बाद में मान गए ।

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