Dhruv Jurel: कौन है ध्रुव जुरेल? धोनी को मानते हैं आदर्श

उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले ध्रुव जुरेल इंग्लैंड के खिलाफ जारी चौथे टेस्ट मैच में सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे ध्रुव जुरेल ने भारत की पहली पारी में 90 रन बनाए इससे पहले राजकोट टेस्ट में उन्होंने 46 रन की शानदार पारी खेली, ध्रुव ने अपने इस प्रदर्शन से क्रिकेट जगत में खलबली मचा दी।

Dhruv Jurel: कौन है ध्रुव जुरेल? धोनी को मानते हैं आदर्श
Dhruv Jurel: कौन है ध्रुव जुरेल? धोनी को मानते हैं आदर्श Cricinformer

विकेटकीपर ध्रुव जुरेल ने बल्लेबाजी करते हुऐ रांची टेस्ट में 6 चौके और चार छक्के लगाकर इंग्लैंड गेंदबाजों की जमकर पिटाई की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डेब्यू सीरीज में ध्रुव के दमदार प्रदर्शन से टीम व देश के लोग काफी खुश हैं माना जा रहा है की धर्मशाला टेस्ट 7 से 11 मार्च में उन्हें मौका दिया जा सकता है

आईपीएल 2023 में चर्चा में आए थे ध्रुव जुरेल

आईपीएल में पहला मौका 2023 में मिला ध्रुव ने 5 अप्रैल 2023 को गुवाहाटी में पंजाब किंग्स के खिलाफ बतौर इंपैक्ट प्लेयर डेब्यू किया ,अपने पहले ही मैच में उन्होंने 15 गेंद पर 32 रन की  जबरजस्त पारी खेली इसके बाद ही वह चर्चा में आ गए ध्रुव ने अब तक 13 आईपीएल मैच खेले हैं जिसमें 172.72 के स्ट्राइक रेट से 152 रन बनाएं और आईपीएल 2024 के लिए राजस्थान ने इस विस्फोटक बल्लेबाज विकेटकीपर के रूप में शामिल किया है।

Dhruv Jurel: कौन है ध्रुव जुरेल? धोनी को मानते हैं आदर्श
ध्रुव सिंह जुरैल इंग्लैंड के खिलाफ खेली जारी टेस्ट सीरीज में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। सोश्लमीडिया

धोनी को मानते हैं अपना आदर्श

ध्रुव जुरेल महेंद्र सिंह धोनी की तरह भारतीय टीम की कप्तानी भी करना चाहते हैं विकेट के पीछे धैर्य और चतुराई के साथ विपक्षी बल्लेबाजों को फसाने में उन्होंने महारत हासिल की है वहीं बल्लेबाजी में वह  एबी डीविलियर्स को अपना आदर्श मानते हैं फिटनेस के मामले में जुरैल विराट कोहली को अपना आदर्श मानते हैं इस साल आईपीएल में अपनी प्रतिभा दिखाने के बाद अब उनके पास देश को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला है रोहित और विराट जैसे दिग्गज बल्लेबाजों की देखरेख में 22 साल के ध्रुव के पास अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए अभी काफी समय भी है और इसके चलते ध्रुव सिंह जुरैल इंग्लैंड के खिलाफ खेली जारी टेस्ट सीरीज में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।

प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन की बदौलत ध्रुव को भारत एक ही टीम में भी जगह मिली हाल ही में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर गई टीम इंडिया का वह हिस्सा थे ध्रुव ने चार दिवसी मैचों में से एक में 69 रन बनाए और तीन कैच भी पकड़े , इसके बाद चयनकर्ताओं ने इस युवा खिलाड़ी को इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में मौका देने का फैसला किया वह भले ही पहले दो टेस्ट मैच में बतौर विकेटकीपर टीम मैनेजमेंट की पहली पसंद ना हो लेकिन सीनियर भारती पुरुष ड्रेसिंग रूम में होने का अनुभव आगरा में जन्मे दाएं हाथ के इस बल्लेबाज के लिए काफी अहम भूमिका रही महेंद्र सिंह धोनी के प्रशंसक ध्रुव को उम्मीद है कि वह अपने आदर्श के पद चिन्ह पर चलते हुए रांची के इस दिग्गज क्रिकेट की तरह ही सफल क्रिकेट खिलाड़ी बनेंगे।

टीम को जिताया अंडर-19 एशिया कप

ध्रुव उत्तर प्रदेश के लिए अंडर – 14 और अंडर – 16 आयु वर्ग क्रिकेट खेल चुके हैं इसके बाद उन्हें 2020 में विश्व कप के लिए भारत की अंडर-19 टीम के लिए चुना गया था यहां से ध्रुव ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा वह 2020 में देश की अंदर-19 टीम के उप कप्तान भी बनाए गए थे उनकी टीम अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में बांग्लादेश से हार गई ।लेकिन ध्रुव ने अपनी कप्तानी में अंडर-19 एशिया कप जीता करियर की शुरुआत में ध्रुव ऑफस्पिन गेंदबाजी करते थे ,लेकिन उनकी गेंदबाजी कुछ खास नहीं थी, ऐसे में उन्होंने विकेट कीपिंग में हाथ आजमाया और इस रोल में उन्होंने सभी को प्रभावित किया। इसके साथ ही वह मध्यक्रम बल्लेबाज होने के साथ ही विकेटकीपर भी बन गए और उन्होंने बैटिंग और विकेट कीपिंग में काफी अच्छा प्रदर्शन किया चयनकर्ताओं ने उनको आगे मैचों में खेलने के लिए मौके कई प्रदान किए।

पिता की इच्छा के बिना क्रिकेट खेलना शुरू किया

उत्तर प्रदेश के आगरा में जन्मे ध्रुव जुरैल क्रिकेट जगत में पहुंचना इतना आसान नहीं था ,उनके संघर्ष की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। 22 वर्षी खिलाड़ी के पिता नहीं चाहते थे कि वह क्रिकेटर बने वह बेटे को अपनी तरह ही देश की सेवा में समर्पित करना चाहते थे दरअसल ध्रुव के पिता नेम सिंह भारतीय सेवा में थे जिन्होंने कारगिल युद्ध में भाग लिया था । 2001 में ध्रुव का जन्म हुआ छोटी उम्र से ही वह क्रिकेटर बनन चाहते थे लेकिन पिताजी क्रिकेटर नहीं बनना चाहते थे।

आर्मी स्कूल में पढ़ाई के दौरान उन्होंने तैराकी के कैंप में जाना शुरू कर दिया था, लेकिन उन्हें स्विमिंग से ज्यादा क्रिकेट में रुचि थी जब स्कूल में तैराकी की कक्षाएं चलती थी तो ध्रुव क्रिकेट खेला करते थे उन्हें क्रिकेट इतना पसंद आया कि उन्होंने तैराकी से अपना नाम हटाकर क्रिकेट में लिखवा लिया। जब उनके पिता को इसका पता चला तो काफी गुस्सा हुए ,लेकिन बाद में मान गए ।

Suhani Bhatnagar Death: दंगल की सुहानी भटनागर का 19 साल में निधन, आमिर खान की बेटी बबीता फोगाट का रोल निभाया था

Suhani Bhatnagar Death: दंगल की सुहानी भटनागर का 19 साल में निधन हो गया है, आमिर खान स्टार सुपर हिट फिल्म दंगल में छोटी बेटी बबीता फोगाट का रोल निभाने वाली एक्ट्रेस सुहानी भटनागर का 19 साल की उम्र में निधन हो गया है।

फिल्म दंगल में छोटी बेटी बबीता फोगाट का रोल निभाने वाली एक्ट्रेस सुहानी भटनागर
फिल्म दंगल में छोटी बेटी बबीता फोगाट का रोल निभाने वाली एक्ट्रेस सुहानी भटनागर द वीक

गलत इलाज की वजह से हुई मौत

जानकारी के मुताबिक कुछ वक्त पहले शिवानी भटनागर के पैर में चोट लगी थी उनके पैर में हुए फ्रैक्चर के लिए उन्होंने ट्रीटमेंट करवाई. उनकी दवाइयो से उन्हें साइड इफेक्ट होने लगे बताया जा रहा है की एक्ट्रेस की बॉडी में फ्लूड बनने लगा था जिसकी वजह से उनकी मौत हुई, शिवानी काफी वक्त से दिल्ली के एम्स अस्पताल में काफी वक्त से एडमिट थी उनका अंतिम संस्कार शनिवार को फरीदाबाद में होगा.

दंगल की सुहानी भटनागर का 19 साल में निधन, आमिर खान की बेटी बबीता फोगाट का रोल निभाया था
दंगल की सुहानी भटनागर का 19 साल में निधन, आमिर खान की बेटी बबीता फोगाट का रोल निभाया था

2016 में रिलीज हुई आमिर खान की फिल्म दंगल के साथ स्वामी भटनागर ने बॉलीवुड डेब्यू किया था एक्टिंग के साथ ही शिवानी को सिंगिंग और डांसिंग का कॉपी शौक था शिवानी ने इस फिल्म के अलावा कई सारे ऐड भी किए थे हालांकि दंगल से ही उन्हें पापुलैरिटी मिली और वह लोगों की चाहती बन गई थी उनकी मासूमियत और एक्टिंग ने फैंस को उनका कल बना दिया था

रिपोर्ट्स की माने तो शिवानी का अंतिम संस्कार आज रौंदा स्वर्ग आश्रम में किया जाएगा कहा जा रहा है कि शिवानी का कुछ दिन पहले पैर में फ्रैक्चर हुआ था इसके लिए भी दवाइयां ले रही थी शिवानी को दवाई का रिएक्शन हुआ और पूरे शरीर में पानी भर गया इसी के चलते उनका निधन हुआ।

Happy Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी 2024 का महत्व जाने क्यों मनाई जाती है, बसंत पंचमी

Happy Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी 2024 का महत्व जाने क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी 14 फरवरी 2024 को बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है बसंत पंचमी को श्री पंचमी ज्ञान पंचमी भी कहा जाता है यह त्यौहार माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पड़ता है

Happy Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी 2024 का महत्व जाने क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी

क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी

बसंत पंचमी एक हिंदू त्यौहार है जो आमतौर पर फरवरी में बसंत ऋतु के दौरान मनाई जाती है इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है जो ज्ञान संगीत और शिक्षा की देवी है बसंत पंचमी को श्री पंचमी ज्ञान पंचमी भी कहा जाता है यह त्यौहार माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पड़ता है हिंदू परंपराओं के अनुसार पूरे वर्ष में 6 ऋतुओं में बांटा गया है जिसमें बसंत ऋतु ग्रीष्म ऋतु वर्षा ऋतु शरद ऋतु हेमंत ऋतु और शिशिर ऋतु शामिल है इन ऋतुओं में से बसंत रितु को सभी ऋतुओं का राजा कहा जाता है और इसी कारण इस दिन बसंत पंचमी की शुरुआत हुई इस दिन को बसंत पंचमी पर्व के रूप में जाना जाता है इस साल बसंत पंचमी 14 फरवरी 2024 को मनाई जा रही है

बसंत पंचमी में ऐसा क्या खास है

बसंत पंचमी का दिन ज्ञान बुद्धि और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित है यह हर साल माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी  मनाया जाता है इस खास अवसर पर लोग सुबह स्नान कर पीले वस्त्र धारण करते हैं और मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा अर्चना करते हैं और मिठाई का प्रसाद मां सरस्वती को भोग लगाते हैं गरीबों में भोजन दान करते हैं।

बसंत पंचमी के दिन किसका जन्म हुआ था

हर साल माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था

बसंत पंचमी के दिन क्या करना चाहिए

बसंत पंचमी के दिन पूजा करें देसी घी का दिया जलाएं देवी के माथे पर हल्दी का तिलक लगाए और देवी को पीले रंग की माला चढ़ाएं मिठाई और भोग प्रसाद चढ़ाएं मंत्र जाप करें देवी को प्रसन्न करने के लिए लोगों को देवी सरस्वती को समर्पित विभिन्न मंत्रों का जाप करना चाहिए,ओम सरस्वती नम:

बसंत पंचमी 2024 में सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त

बसंत पंचमी 2024 में सरस्वती की पूजा का शुभ मुहूर्त है सुबह 7:11 से लेकर 12:35 तक यह दैनिक पंचांग के अनुसार यह शुभ मुहूर्त 5 घंटा 35 मिनट तक रहेगा

सरस्वती मंत्र

ओम श्री सरस्वती नमः

ओम श्री सरस्वते नमः

 

 

Uttrakhand Tunnel Rescue: झांसी के बहादुर परसादी लोधी व राकेश, भूपेंद्र राजपूत तीनों ने मिलकर उत्तराखंड टनल से 41मजदूरों को बाहर जीवित निकाला

Uttrakhand Tunnel Rescue: झांसी के बहादुर परसादी लोधी व राकेश, भूपेंद्र राजपूत तीनों ने मिलकर उत्तराखंड टनल से 41मजदूरों को बाहर जीवित निकाला
Uttrakhand Tunnel Rescue: झांसी के बहादुर परसादी लोधी व राकेश, भूपेंद्र राजपूत तीनों ने मिलकर उत्तराखंड टनल से 41मजदूरों को बाहर जीवित निकाला

Uttrakhand Tunnel Rescue:  उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढहने के कारण सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को मंगलवार को 17वें दिन सही सलामत निकल लिया गया है। 16 दिनों के बाद अंधेरे से निकले श्रमिकों ने खुशी की लहर है परिवार से मिलकर श्रमिकों ने राहत की सांस ली।

झांसी के परसादी लोधी
झांसी के वीर परसादी लोधी

परसादी लोधी ने संभाली कमान

रैट स्पेनर्स रेस्क्यू की कमान झांसी में रहने वाले प्रसादी लोदी ने संभाली। लगभग 12 साल से दिल्ली और अहमदाबाद में रैट होल माइनिंग का काम कर रहे प्रसादी के सामने टनल में फंसे लोगों को निकालने का पहला अनुभव था। लेकिन उन्होंने इसे चुनौती के रूप में लिया। हिलटी हैंड ड्रिल मशीन को 800 मिमी के पाइप में ले जाकर ड्रिलिंग करते हुए मालवा निकलना शुरू कर दिया। क्योंकि टनल में जाना उनके लिए बाएं हाथ का खेल था ।और वह 600 मीटर पाइप के अंदर घुसकर भी रैट माइनिंग कर लेते थे। लिहाजा उन्हें ज्यादा दिक्कत नहीं आई लगभग 21 घंटे की मेहनत कर उनकी टीम ने 12 से 13 मीटर खुदाई की।

झांसी के राकेश राजपूत
झांसी के राकेश राजपूत

झांसी के वीर राकेश ने दांव पर लगा दी जान

प्रसादी के साथ झांसी का ही राकेश राजपूत भी ट्रेंचलैस कंपनी में पाइप पुशिंग का काम करता है। उसका काम मालवा निकालने का हैं। उसने गैंती और फावड़े की मदद से मालवा एकत्र किया। और ट्राली में चढ़कर बाहर खींचा पहले अमेरिकन आगर मशीन से ड्रिल कराई लेकिन यह दगा दे गई ।इससे राकेश भी सुरंग में फंस गए उनके वापस जीवित लौटने की उम्मीद कम हो गई थी ,लेकिन हौसला रखा। इसी बीच रैट माइनर्स ने मोर्चा संभाला।फिर क्या था पर परसादी का दिमाग और राकेश का हौसला काम कर गया ।और सभी श्रमिक सकुशल बाहर निकल आए ।इसमें झांसी के ही भूपेंद्र राजपूत ने भी सक्रिय योगदान दिया मजदूरों को निकालने वाले दल में भी शामिल रहे।

12 नवंबर को जब पूरा देश दिवाली मना रहा था तभी उत्तरकाशी में सुरंग में खुदाई कर रहे श्रमिक टनल का एक हिस्सा गिरने से 41 मजदूर फंस गए ।सुरंग इतनी सकरी थी कि वह वहां से नहीं निकाल पाए ।रेस्क्यू करने वाली टीम एक प्लान बनती तो दूसरा प्लेन बनती हर प्लान फेल हो जाते कामयाबी कोसों दूर थी ।ऐसे में चूहा छेदन कंपनी नवयुग के कर्मचारी देवदूत बनकर आए ।उन्होंने देशी जुगाड से सुरंग में छेद कर 41 श्रमिकों को बाहर निकलने का काम किया। उन्हें सुरक्षित निकालने में झांसी के रैट स्पेनर्स प्रसादी लोधी व राकेश राजपूत और भूपेंद्र राजपूत का अहम योगदान रहा।

HBTU Kanpur के 102 साल : हरकोर्ट बटलर की पहल पर कानपुर में बना एचबीटीयू

HBTU Kanpur के 102 साल : हरकोर्ट बटलर की पहल पर कानपुर में बना एचबीटीयू
HBTU Kanpur के 102 साल : हरकोर्ट बटलर की पहल पर कानपुर में बना एचबीटीयू

HBTU Kanpur के 102 साल : हरकोर्ट बटलर की पहल पर कानपुर में बना एचबीटीयू विश्वविद्यालय कानपुर में ,बात है अंग्रेजी हुकूमत समय की  लेफ्टिनेंट गवर्नर जॉन हेवेट ने इंडस्ट्रियल विकास के लिए कमेटी का गठन किया था। कमेटी में एजुकेशन मेंबर रहे स्पेंसर हरकोर्ट बटलर ने कानपुर के लोगों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए 1908 में यहां संस्थान खोलने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि बटलर का पद चले जाने की वजह से संस्थान नहीं खुल सका मामला दबा दिया गया।

1920 में फिर से संस्थान खोलने की बात चली। इस बार कानपुर के बजाय लखनऊ टेक्निकल स्कूल को गवर्नमेंट टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट बनाने की कवायत होने लगी। तो हरकोर्ट बटलर कानपुर में ही संस्थान बनाने पर अड़ गए इस पर कमेटी को कानपुर में ही गवर्नमेंट टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट खोलना पड़ा। जो अब एचबीटीयू के नाम से जाना जाता है।

यह जानकारी संस्थान के 1980 बैच के छात्र विश्वनाथ चट्टोपाध्याय की किताब से मिली है ,25 नवंबर 1921 संस्थान की इमारत की नई ब्रिटिश इंडिया के संयुक्त प्रांत के गवर्नर स्पेंसर हरकोर्ट बटलर ने रखी थी। सबसे ज्यादा  रिसर्च करने वाले देश का पहला संस्थान था। वर्ष 1926 में जब प्रधानाचार्य ईआर वाटसन रिटायर हो रहे थे। और नए प्रधानाचार्य डॉ. गिल्बर्ट जी फोलर ने कार्यभार ग्रहण किया। तो संस्थान का नाम बदलकर गवर्नर के नाम पर हरकोर्ट बटलर टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट रखा गया था।

1932 से 1964 के बीच शुरू हुए कई टेक्नोलॉजी कोर्स:

1932 से 1964 के बीच यहां शोध कोर्सों के साथ ग्लास टेक्नोलॉजी  इलेक्ट्रिकल मैकेनिकल इंजीनियरिंग स्नातक में कोर्स शुरू हुए।

1961 में गणित विभाग, 1964 में प्लास्टिक टेक्नोलॉजी बायोकेमिकल इंजीनियरिंग व फूड टेक्नोलॉजी मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स  शुरू हुए। पीएचडी भी शुरू हुई।

HBTU kanpur ने देश को दिया ऑयल टेक्नोलॉजी का उपहार

एचबीटीयू ने देश को ऑयल टेक्नोलॉजी कोर्स को उपहार दिया था खाने से लेकर साबुन बनाने तक में इस्तेमाल होने वाले ऑयल टेक्नोलॉजी की पढ़ाई एचवीटीयू में ही शुरू हुई थी। यहां से निकले छात्रों ने देश भर में पहचान बनाई 1930 बैच के केडी मालवी को फादर आफ पैट्रोलियम इंडस्ट्री भी कहा जाता है।

HBTU कानपुर लेदर और शुगर टेक्नोलॉजी का जन्मदाता बना।

1928 मैं इसी संस्थान में शुगर टेक्नोलॉजी कोर्स शुरू किया गया था। जिसे 1936 में अलग से शर्करा संस्थान बनाने के कारण बंद कर दिया गया। यही संस्थान अब कल्याणपुर में राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के रूप से जाना जाता है। इसी तरह वर्ष 1922 में संस्थान में लेदर टेक्नोलॉजी कोर्स शुरू हुआ था बाद में लेदर टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट का भी अलग से निर्माण हुआ

एचबीटीयू के पूर्व छात्रों ने देश विदेश में नाम रोशन किया

1930 बैच के केडी मालवीय को फादर ऑफ इंडियन पैट्रोलियम इंडस्ट्री कहा जाता है तेल टेक्नोलॉजी से पढ़ाई करने वाले मालवीय 1970 में पेट्रोलियम मंत्री भी रह चुके हैं।

1991 बच के बलराम उपाध्याय सिविल इंजीनियरिंग से बीटेक है वर्तमान में कमिश्नर आफ पुलिस के पद पर तैनात हैं

एचबीटीयू के 1991 बैच के प्रोफेसर विनय कुमार पाठक साइंस विभाग के छात्र रहे हैं वर्तमान में वह सीएसजेएमयू विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति हैं

1987 बैच के पूर्णेन्दु घोष बायोकेमिकल इंजीनियरिंग के छात्र रहे हैं वह बिरला इंस्टीट्यूट आफ साइंटिफिक रिसर्च के निदेशक पद पर भी रह चुके हैं।

1972 बैच के दिनेश सहारा केमिकल इंजीनियरिंग के छात्र रहे हैं वह रुचि ग्रुप आफ इंडस्ट्री के एक सीएमडी रहे हैं।

1980 बैच के राजीव प्रताप सिंह एमटेक के छात्र रहे। उन्होंने नूडल्स को खराब होने से बचाने और स्वादिष्ट मसाला तैयार करने की शुरुआत की।

1974 बैच के राजेंद्र कुमार जालान केमिकल इंजीनियरिंग के छात्र रहे हैं वह चर्म निर्यात परिषद के वाइस चेयरमैन भी रह चुके हैं।

शमशेर जी मैकेनिकल इंजीनियरिंग  के हैं वर्तमान में एचबीटीयू के कुलपति हैं।

102 वर्ष पहले एचबीटीआई की हुई थी स्थापना

102 वर्ष पहले एचबीटीआई की हुई थी स्थापना
102 वर्ष पहले एचबीटीआई की हुई थी स्थापना

देश के सबसे पुराने तकनीकी शिक्षण संस्थानों में शामिल होना गौरव की बात है कई तकनीकी शिक्षण संस्थान ने एचबीटीआई परिषद से ही अपनी विकास यात्रा शुरू की है तकनीक और शिक्षण में अग्रणी बनने के लिए संस्थान के पूर्व शिक्षकों और छात्रों ने भी कड़ी मेहनत की है इसी परंपरा को बनाए रखते हुए संस्थान ने पहली बार में नैक मूल्यांकन में ए प्लस का ग्रेड हासिल किया है। प्रोफेसर एसके शर्मा कुलसचिव HBTU कानपुर

Liberia:Joseph Boakai ने लाइबेरिया का राष्ट्रपति चुनाव जीता, मशहूर फुटबॉलर जॉर्ज विया को 20 हजार वोटो से हराया

 Joseph Boakai ने लाइबेरिया का राष्ट्रपति चुनाव जीता, फोटो एएफपी
Joseph Boakai ने लाइबेरिया का राष्ट्रपति चुनाव जीता,फोटो एफपी

मोनरोविया।  Joseph Boakai ने लाइबेरिया का राष्ट्रपति चुनाव जीता,मशहूर फुटबॉलर जॉर्ज विया को 20 हजार वोटो से हराया। सोमवार को राष्ट्रीय चुनाव आयोग (NEC) ने मत पत्रों की गिनती पूरी करने के बाद कहा कि जोसेफ बोकाई (Joseph Boakai) को विजेता घोषित किया गया है ।

बोकाई ने केवल 20567 वोटो के अंतर से जीत हासिल की ।चुनाव में 99.98 प्रतिशत मतदाताओं ने हिस्सा लिया। जॉर्ज विया ने शुक्रवार शाम को ही चुनाव में हार मान ली थी।

जोसेफ बोकाई ने जार्ज विया को चुनाव में हराया 

राष्ट्रपति चुनाव में मौजूदा  जॉर्ज विया को हराकर  बोकाई को विजेता घोषित किया गया ।चुनाव आयोग के अध्यक्ष (Davidetta Browne Lansanah) ने संवाददाताओं से कहा Boakai ने 50.64 प्रतिशत वोट के साथ जीत हासिल की, जबकि पूर्व अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल स्टार (Davidetta Browne Lansanah) को 49.36 प्रतिशत वोट मिले थे।

मशहूर फुटबॉलर जॉर्ज विया ,फोटो एफपी
मशहूर फुटबॉलर जॉर्ज विया ,फोटो एफपी

Bokai ने केवल 20567 वोटो के अंतर से जीत हासिल की ।चुनाव में 99.98 प्रतिशत मतदाताओं ने हिस्सा लिया बता दें कि जार्ज विया ने शुक्रवार शाम को ही चुनाव में हार मान ली थी।

World Cup 2023 Final IND vs AUS: छठी बार वर्ल्ड चैंपियन बना ऑस्ट्रेलिया फाइनल में छह विकेट से हराया भारत को

छठी बार वर्ल्ड चैंपियन बना ऑस्ट्रेलिया फाइनल में छह विकेट से हराया भारत को
छठी बार वर्ल्ड चैंपियन बना ऑस्ट्रेलिया फाइनल में छह विकेट से हराया भारत को

World Cup 2023 Final IND vs AUS: छठी बार वर्ल्ड चैंपियन बना ऑस्ट्रेलिया फाइनल में छह विकेट से हराया भारत को हराया । 19 नवंबर को अहमदाबाद में विश्व कप 2023 का फाइनल भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच में खेला गया। जिसमें आस्ट्रेलिया ने भारत को 6 विकेट से हराया ऑस्ट्रेलिया ने वनडे विश्व कप के किताब को छठी बार अपने नाम किया।

ट्रेविस हेड ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया की ओर से 137 रन की शानदार पारी खेली मार्नुस लबूशन 58 रन बनाकर नाबाद लौटे। ऑस्ट्रेलिया ने भारत से मिले 241 रन का लक्ष्य को 43 ओवर में हासिल कर लिया।

इससे पहले भारतीय टीम फाइनल मैच में 240 रन बनाकर ऑल आउट हुई टीम की ओर से केएल राहुल ने 66 रन की शानदार पारी खेली जबकि विराट कोहली ने 54 रनों का योगदान दिया और रोहित शर्मा ने 47 रन बनाए।छठी बार वर्ल्ड चैंपियन बना ऑस्ट्रेलिया फाइनल में छह विकेट से जीता।

 

World Cup 2023:विश्व कप 2023 फाइनल मैच मे भारत और ऑस्ट्रेलिया मे होगी भिड़ंत, नरेंद्र मोदी स्टेडियम में फाइनल मुकाबला रविवार को खेला जाएगा

विश्व कप 2023 फाइनल मैच मे भारत और ऑस्ट्रेलिया मे होगी भिड़ंत
विश्व कप 2023 फाइनल मैच मे भारत और ऑस्ट्रेलिया मे होगी भिड़ंत

World Cup 2023:विश्व कप 2023 फाइनल मैच मे भारत और ऑस्ट्रेलिया मे होगी भिड़ंत, नरेंद्र मोदी स्टेडियम में फाइनल मुकाबला रविवार को खेला जाएगा।

19 नवंबर को भारत विश्व कप फाइनल नरेंद्र मोदी स्टेडियम अहमदाबाद में फाइनल मुकाबला होगा। फाइनल मुकाबले में रोहित शर्मा की टीम करो या मरो की स्थिति में आएगी।क्योंकि भारत के लिए इस इस मुकाबले को जितना बहुत ही आवश्यक है विराट कोहली अच्छे फॉर्म में है शुभम गिल व सभी खिलाड़ी अपनी प्रैक्टिस में लगे हुए हैं।

Sauth Africa vs Australia world cup semifinal : ऑस्ट्रेलिया ने साउथ अफ्रीका को तीन विकेट से हराया फाइनल में पक्की की जगह। दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच वर्ल्ड कप 2023 का दूसरा सेमीफाइनल कोलकाता के ईडन गार्डन में खेला गया। ऑस्ट्रेलिया के साथ अफ्रीका को तीन विकेट से हराकर फाइनल का टिकट पक्का किया। 19 नवंबर को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच फाइनल मैच खेला जाएगा

Mohammad Shami:मोहम्मद शमी की संघर्ष भरी कहानी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज

Mohammad Shami:मोहम्मद शमी की संघर्ष भरी कहानी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज ,मोहम्मद शमी ने अपनी गेंदबाजी से सभी बल्लेबाजों को परेशान कर रखा है। और उन्होंने न्यूजीलैंड की टीम के खिलाफ 7 विकेट एक ही पारी में लिए और भारत को वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा दिया। शमी की कहानी बड़ी अजीबोगरीब है सभी पहलू को जाने यहां।

Mohammad Shami:मोहम्मद शमी की संघर्ष भरी कहानी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज

मोहम्मद शमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा के सहसपुर अली नगर में एक गरीब परिवार में जन्म हुआ था। मोहम्मद शमी ने क्रिकेट जगत में एंट्री करते ही हर जगह खलबली मचा दी। जिंदगी में कई उतार चढ़ा हुआ है और उन्होंने इन सबको दरकिनार करते हुए अपने क्रिकेट पर फोकस किया और आज दुनिया को दिखा दिया ,कि मोहम्मद शमी एक अच्छा तेज गेंदबाज है।

और भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी जिन्होंने वर्ल्ड कप 2023 में लगातार अपनी तेज गेंदबाजी से दुनिया को साबित कर दिया वह वर्ल्ड के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज हैं

बेवफा हसीन जहां ने दिया मोहम्मद शमी को धोखा

बेवफा हसीन जहां ने दिया मोहम्मद शमी को धोखा
बेवफा हसीन जहां ने दिया मोहम्मद शमी को धोखा

मोहम्मद शमी की लव स्टोरी में प्यार से नफरत ऐसे बड़ी की पूरी दुनिया को उनकी कहानी पता चल गई ।हसीन जहां नाम की महिला जो मॉडलिंग किया करती थी जब वह आईपीएल में केके आर की चीयर लीडर बनी।

इस दौरान शामी की मुलाकात हसीन जहां से हुई। और दोनों के बीच धीरे-धीरे नजदीकियां बढ़ी।और  दोस्ती का प्यार में तब्दील हो गई पता ही नहीं चला।

मोहम्मद शमी ने हसीन जहां को पाने के लिए अपने परिवार के खिलाफ अपनी मर्जी से शादी रचा ली। 6 जून 2014 को कोलकाता की हसीन जहां से मोहम्मद शमी से शादी की, और 1 साल बाद 17 जुलाई 2015 को शमी की एक बेटी के पिता  भी बने।

अचानक से दोनों के बीच कुछ अनबन हुई और साल 2018 में हसीन जहां ने मोहम्मद शमी और उनके भाइयों पर मारपीट दुष्कर्म हत्या की कोशिश और घरेलू हिंसा जैसे आरोप लगाए ।और फिर एफआईआर दर्ज कर दी। इतना ही नहीं शामी पर मैच फिक्सिंग आरोप भी लगाए गए थे।

मोहम्मद शमी कर एक्सीडेंट में हुए घायल

साल 2008 में टीम इंडिया की तेज गेंडल मोहम्मद शमी एक कार एक्सीडेंट में घायल हो गए थे ।देहरादून से नई दिल्ली जाते समय उनका कर एक्सीडेंट हो गया था ।जिसमें उनके सर में कई चोट आई थी और दाहिनी आंख के ऊपर तीन से चार टांके भी लगे थे। इस वजह से वह काफी समय तक मैदान से दूर रहे हालांकि शामी ने शानदार वापसी की और इस साल 47 विकेट लिए थे।

पिताजी की मौत से मोहम्मद शमी को लगा झटका

मोहम्मद शमी के पिता का निधन 27 जनवरी 2017 को हुआ पिता तौसीफ अहमद देर रात दिल का दौरा पड़ने की वजह से दुनिया को अलविदा कह गए उनके निधन की बात सुनकर काफी भावुक हुए। लेकिन पिता के सपने को पूरा करने की ठानी और शानदार वापसी कर क्रिकेट जगत में कई रिकॉर्ड्स अपने नाम कर लिए।

मोहम्मद शमी ने लिए 7 विकेट एक ही पारी में

मोहम्मद शमी इस समय क्रिकेट वर्ल्ड कप भारत के लिए मैच में अहम भूमिका निभा रहे हैं शमी ने कुल 54 विकेट लिए और वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में छठे स्थान पर है

मोहम्मद शमी मौजूद वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज हैं उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 7 विकेट लेकर भारत को फाइनल में पहुंचने में अहम भूमिका निभाई

Diwali 2023: दिवाली पर जाने लक्ष्मी गणेश पूजन विधि, शुभ मुहूर्त, महत्व, और इस दिन क्या करें, क्या नहीं

Diwali 2023 Puja Shubh Muhurat: दिवाली की रात सर्वार्थ सिद्ध की रात मानी जाती है, शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी और गणेश पूजन विधि विधान के साथ पूजन करने से जीवन में खुशियां आती हैं और लक्ष्मी गणेश जी की कृपा बनी रहती हैं।

Diwali 2023: दिवाली पर जाने लक्ष्मी गणेश पूजन विधि, शुभ मुहूर्त, महत्व, और इस दिन क्या करें
Diwali 2023: दिवाली पर जाने लक्ष्मी गणेश पूजन विधि, शुभ मुहूर्त, महत्व, और इस दिन क्या करें

Diwali 2023: 12 नवंबर 2023 को दिवाली है यह हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है इस दिन पूरे भारत में बड़े ही धूमधाम से दिवाली का उत्सव मनाया जाता है। दिवाली में दीपक जलाने का एक प्रचलन है दिवाली की रात लक्ष्मी गणेश जी की पूजा की जाती है मान्यता है कि यदि आप सच्चे मन और विधि विधान से पूजा करते हैं तो धन की देवी मां लक्ष्मी और बुद्धि की देवता गणेश आपसे प्रसन्न रहेंगे ,आपका पूरा साल अच्छा बीतेगा और आप पर लक्ष्मी गणेश जी की कृपा बनी रहेगी। दिवाली की रात सर्वार्थ सिद्धि की रात मानी जाती है ऐसे में शुभ मुहूर्त पर विधि विधान के साथ पूजन करने से जीवन में खुशियां आती हैं चलिए हम बताते हैं दिवाली की पूजा विधि शुभ मुहूर्त महत्व और इस दिन क्या करें और क्या ना करें।

दीवाली 2023 पूजा का शुभ मुहूर्त Diwali Puja Shubh Muhurat

Diwali 2023: दिवाली पर जाने लक्ष्मी गणेश पूजन विधि, शुभ मुहूर्त, महत्व, और इस दिन क्या करें
Diwali 2023: दिवाली पर जाने लक्ष्मी गणेश पूजन विधि, शुभ मुहूर्त, महत्व, और इस दिन क्या करें

दिवाली 2023 की पूजा का शुभ मुहूर्त 12 नवंबर की शाम 5:40 से लेकर 7:36 तक है वहीं लक्ष्मी जी की पूजा के लिए महानिशीथ काल मुहूर्त रात 11:39 से मध्य रात्रि 12:31 तक है इस मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा करने से जीवन में अपार सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी।

दिवाली पूजा सामग्री लिस्ट Diwali 2023 Puja samagri list

  • गणेश जी मां लक्ष्मी माता सरस्वती और कुबेर देव की मूर्ति।
  • पान का पत्ता, और सुपारी ,केसर फल ,कमल का फूल ,पीली कौड़िया ,धान का लावा,बताशा ,मिठाई ,मोतीचूर लड्डू पंचमेवा।
  • शहद, इत्र, गंगाजल, दूध, दही, तेल, शुद्ध घी, कलावा पंच पल्लव सतधान्य।
  • लाल फूल ,कमल और गुलाब के फूल ,माला, सिंदूर ,कुमकुम रोली चंदन।
  • कलश, पीतल का दीपक मिट्टी का दिया हुई की बत्ती नारियल लक्ष्मी और गणेश के सोने या चांदी के सिक्के धनिया

आसन के लिए लाल या पीले रंग का कपड़ा लकड़ी की चौकी आम के पत्ते लांग आदि।

Diwali Puja Vidhi 2023 दिवाली 2023 पूजा विधि

दिवाली पर मुख्य रूप से मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। ऐसे में सबसे पहले हम जिस स्थान पर जिस घर के स्थान पर पूजा करते हैं सबसे पहले उसको हम साफ करते हैं गाय के गोबर से उसको अच्छे से लिपाई करते हैं ।और एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाए ,फिर इस चौकी पर बीच में मुट्ठी भर अनाज रखें कलस को अनाज के बीच में रखें इसके बाद कलश में पानी भरकर एक सुपारी गेंदे का फूल एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डालें । कलश पर पांच आम के पत्ते गोलाकार आकार में रखें बीच में देवी लक्ष्मी की मूर्ति और कलश के दाहिनी ओर भगवान गणेश की मूर्ति रखें ।अब एक छोटी सी थाली में चावल के थाली ना हो तो प्लेट में चावल दोनों का एक छोटा सा देर बनाएं हल्दी कमल का फूल बनाएं कुछ सिक्के डालें मूर्ति के सामने रख दें इसके बाद अपने व्यापार लेखा पुस्तक और अन्य धन व्यवसाय से फैक्ट्री नौकरी संबंधित वस्तुओं को मूर्ति के सामने रखें अब देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश को तिलक करें और दीपक जलाएं।दिवाली पर जाने लक्ष्मी गणेश पूजन विधि, शुभ मुहूर्त, महत्व

Diwali Puja mantra दिवाली पूजा मंत्र

श्री गणेश मंत्र

गजानन म्भूतगभू गणदीसेवितम कपित्य जंबू फल चार भक्षणम। उमासूतम सु शोक के विनाशकारकम नमामि विग्नेश्वर पाद पंकजम।।

मां लक्ष्मी मंत्र

ओम श्री हीम श्री कमले कमलालये प्रसीद प्रसिद श्रीहींम  श्री ओम महालक्ष्मी नमः।।

दीवाली पर क्या करें

दिवाली के दिन प्रात काल स्नान करके स्वच्छ और सुंदर कपड़ो को पहने, घर में पकवान बनाएं घर को सजाए अपने से बड़ों का आशीर्वाद ले, माता-पिता से आशीर्वाद ले ,शाम को पूजा करें मां लक्ष्मी गणेश की विधि विधान से पूजा करें व्यावसायिक प्रतिष्ठान गाड़ी की भी विधिपूर्वक पूजा करें घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं  गरीब लोगों में भोजन का वितरण करें।

दीवाली पर क्या न करें

दिवाली के दिन ना कर्ज दें ,और ना लें दिवाली के दिन घर के प्रवेश द्वार पर या घर के अंदर कहीं भी गंदगी ना रहने दे, इस दिन किसी गरीब या जरूरतमंद को दरवाजे से खाली हाथ ना जानें दे। दिवाली के दिन जुआ ना खेले शराब और मांसाहारी भोजन न करें। भगवान गणेश जी की मूर्ति ना रखें जिसकी सूंड दाहिनी ओर हो। पूजा स्थल को रात भर खाली न छोड़ें उसमें इतना घी या तेल डालें की पूरी रात जलते रहे।

दीवाली उपाय

दिवाली की रात पूजा के दौरान मां लक्ष्मी भगवान गणेश और कुबेर जी को प्रसन्न करने के लिए उनका प्रिय भोजन अर्पित करें। लक्ष्मी जी को खीर या फिर दूध से बनी सफेद मिठाई का भोग लगाए। गणेश जी को मोदक लड्डू का भोग लगाए। वहीं भगवान कुबेर देवता को साबुत धनिया चढ़ाये ,मानता है की दिवाली पर ऐसा करने से लक्ष्मी गणेश और कुबेर प्रसन्न होंगे ।और आपको सुख समृद्धि का आशीर्वाद देंगे ।और आपके जीवन में खुशियां ही खुशियां आएंगी।

क्यों मनाते है दीवाली

दीपावली रोशनी का  पावन पर्व के त्यौहार का मुख्य दिन है जो बुराई पर अच्छाई और और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माना जाता है इस दिन भगवान श्री राम ने अत्याचारी रावण का वध किया था और मां सीता जी को आजाद कर अयोध्या में राम लक्ष्मण और सीता सभी लोग आकर उनके लौटने से उत्साहित होकर  अयोध्या वासियों ने घी के दीपक जलाए थे।