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Earthquake:Delhi NCR में भूकंप के तेज झटके,

Earthquake:Delhi NCR में भूकंप के तेज झटके,दिल्ली एनसीआर मे 17 फरवरी 2025 की सुबह 5:36 मिनट पर भूकंप  के तेज झटके लोगो ने महसूस किये, लोग घर से बाहर निकले ,भूकंप की तीव्रता 4.0 रिक्टर स्केल मापी गई नोएडा में लोग अपने घरो से बाहर निकल आए सड़कों पर लोग इकट्ठा होने लगें,

शिक्षा ही जीवन का आधार है कमिश्नर अमर पाल सिंह लोधी

शिक्षा ही जीवन का आधार है कमिश्नर अमर पाल सिंह लोधीकन्नौज। लक्ष्य शिक्षा फाउंडेशन की ओर से छात्र प्रतिभा सम्मान समारोह  बुधवार को किसान इण्टर कॉलेज तिर्वा में सम्पन्न हुआ।जिसमें मुख्य अतिथि देहरादून के ज्वाइंट कमिश्नर अमर पाल सिंह लोधी जी थे, उन्होने कहा शिक्षा ही जीवन का आधार है| शिक्षा से ही समाज का कल्याण और रोजगार की राह आसन होगी है| शिक्षित न होना जीवन के लिए सबसे बड़ा अभिशाप है| समाज के लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। कार्यक्रम की शुरुआत रानी अवंती बाई लोधी समेत कई महापुरुषों की प्रतिमा पर दीप जलाकर व पुष्प चढ़ाकर कार्यक्रम की शुरूआत हुई।

उन्होंने बताया कि मां पिता को अपने बच्चों की प्रतिभा को समझना होगा।जिस क्षेत्र में उसकी प्रतिभा सबसे ज्यादा हो और मन काम कर रहा है। उसी क्षेत्र में बच्चे को आगे बढ़ाएं और निपुण बना कर सफलता हासिल करें। पढ़ाई हो या फिर खेलकूद लेकिन लक्ष्य बनाकर काम करें। तभी देश के लिए गौरवशाली बनेंगे। पढ़ाई में अंक काम आए तो जरूरी नहीं बच्चा असफल हो गया। आगे बढ़ने के कई रास्ते होते है। इसके बाद उन्होंने बताया कि इसकी जागरूकता को लेकर लक्ष्य सगठन के तहत अभियान चलाया जा रहा है। 350 से अधिक बच्चों को निशुल्क शिक्षा दिलाई जा रही हैं।

लक्ष्य टीम कन्नौज दुवारा कई छात्रों को निशुल्क  पढाई कराई जा रही है , उन्होंने कहा की अब गरीब छात्र छात्राओ को आईएस पीसीअस मेडिकल  इंजीनियरिंग की तैयारी के नोट्स स्टडी मटेरियल विडियो लेक्चर निशुल्क प्रदान किये जायेंगे |तिर्वा लक्ष्य टीम के रोहित कुमार व देवेश जी  से नोट्स व पढाई का स्टडी मटेरियल प्राप्त कर सकते है | अभिवक को अपने बच्चो को पढाई के लिए घर से दिल्ली कोटा भेजना चाहिए यदि वे समर्थ है अपने बच्चों को पढ़ा लिखाकर समाज में नाम रोशन कर सकते है|

और समाज में शराब नशा को छोड़ना होगा फहिजुल खर्चो से बचना चाहिए शिक्षा से ही समाज का विकास व रोजगार के रास्तें खुलेंगे.

इस मौके पर तिर्वा की लक्ष्य टीम रोहित कुमार,देवेश कुमार,अशोक राजपूत नवनीत कुमार राजपूत ,मोहित कुमार,आशुतोष,जीतेन्द्र राजपूत,शेखर.रामशंकर लोधी,अजय कुमार,मनीष राजपूत, व फर्रूखाबाद औरैया कानपुर कई जिलो से लोग शामिल थे|

Dhruv Jurel: कौन है ध्रुव जुरेल? धोनी को मानते हैं आदर्श

उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले ध्रुव जुरेल इंग्लैंड के खिलाफ जारी चौथे टेस्ट मैच में सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे ध्रुव जुरेल ने भारत की पहली पारी में 90 रन बनाए इससे पहले राजकोट टेस्ट में उन्होंने 46 रन की शानदार पारी खेली, ध्रुव ने अपने इस प्रदर्शन से क्रिकेट जगत में खलबली मचा दी।

Dhruv Jurel: कौन है ध्रुव जुरेल? धोनी को मानते हैं आदर्श
Dhruv Jurel: कौन है ध्रुव जुरेल? धोनी को मानते हैं आदर्श Cricinformer

विकेटकीपर ध्रुव जुरेल ने बल्लेबाजी करते हुऐ रांची टेस्ट में 6 चौके और चार छक्के लगाकर इंग्लैंड गेंदबाजों की जमकर पिटाई की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डेब्यू सीरीज में ध्रुव के दमदार प्रदर्शन से टीम व देश के लोग काफी खुश हैं माना जा रहा है की धर्मशाला टेस्ट 7 से 11 मार्च में उन्हें मौका दिया जा सकता है

आईपीएल 2023 में चर्चा में आए थे ध्रुव जुरेल

आईपीएल में पहला मौका 2023 में मिला ध्रुव ने 5 अप्रैल 2023 को गुवाहाटी में पंजाब किंग्स के खिलाफ बतौर इंपैक्ट प्लेयर डेब्यू किया ,अपने पहले ही मैच में उन्होंने 15 गेंद पर 32 रन की  जबरजस्त पारी खेली इसके बाद ही वह चर्चा में आ गए ध्रुव ने अब तक 13 आईपीएल मैच खेले हैं जिसमें 172.72 के स्ट्राइक रेट से 152 रन बनाएं और आईपीएल 2024 के लिए राजस्थान ने इस विस्फोटक बल्लेबाज विकेटकीपर के रूप में शामिल किया है।

Dhruv Jurel: कौन है ध्रुव जुरेल? धोनी को मानते हैं आदर्श
ध्रुव सिंह जुरैल इंग्लैंड के खिलाफ खेली जारी टेस्ट सीरीज में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। सोश्लमीडिया

धोनी को मानते हैं अपना आदर्श

ध्रुव जुरेल महेंद्र सिंह धोनी की तरह भारतीय टीम की कप्तानी भी करना चाहते हैं विकेट के पीछे धैर्य और चतुराई के साथ विपक्षी बल्लेबाजों को फसाने में उन्होंने महारत हासिल की है वहीं बल्लेबाजी में वह  एबी डीविलियर्स को अपना आदर्श मानते हैं फिटनेस के मामले में जुरैल विराट कोहली को अपना आदर्श मानते हैं इस साल आईपीएल में अपनी प्रतिभा दिखाने के बाद अब उनके पास देश को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला है रोहित और विराट जैसे दिग्गज बल्लेबाजों की देखरेख में 22 साल के ध्रुव के पास अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए अभी काफी समय भी है और इसके चलते ध्रुव सिंह जुरैल इंग्लैंड के खिलाफ खेली जारी टेस्ट सीरीज में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।

प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन की बदौलत ध्रुव को भारत एक ही टीम में भी जगह मिली हाल ही में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर गई टीम इंडिया का वह हिस्सा थे ध्रुव ने चार दिवसी मैचों में से एक में 69 रन बनाए और तीन कैच भी पकड़े , इसके बाद चयनकर्ताओं ने इस युवा खिलाड़ी को इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में मौका देने का फैसला किया वह भले ही पहले दो टेस्ट मैच में बतौर विकेटकीपर टीम मैनेजमेंट की पहली पसंद ना हो लेकिन सीनियर भारती पुरुष ड्रेसिंग रूम में होने का अनुभव आगरा में जन्मे दाएं हाथ के इस बल्लेबाज के लिए काफी अहम भूमिका रही महेंद्र सिंह धोनी के प्रशंसक ध्रुव को उम्मीद है कि वह अपने आदर्श के पद चिन्ह पर चलते हुए रांची के इस दिग्गज क्रिकेट की तरह ही सफल क्रिकेट खिलाड़ी बनेंगे।

टीम को जिताया अंडर-19 एशिया कप

ध्रुव उत्तर प्रदेश के लिए अंडर – 14 और अंडर – 16 आयु वर्ग क्रिकेट खेल चुके हैं इसके बाद उन्हें 2020 में विश्व कप के लिए भारत की अंडर-19 टीम के लिए चुना गया था यहां से ध्रुव ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा वह 2020 में देश की अंदर-19 टीम के उप कप्तान भी बनाए गए थे उनकी टीम अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में बांग्लादेश से हार गई ।लेकिन ध्रुव ने अपनी कप्तानी में अंडर-19 एशिया कप जीता करियर की शुरुआत में ध्रुव ऑफस्पिन गेंदबाजी करते थे ,लेकिन उनकी गेंदबाजी कुछ खास नहीं थी, ऐसे में उन्होंने विकेट कीपिंग में हाथ आजमाया और इस रोल में उन्होंने सभी को प्रभावित किया। इसके साथ ही वह मध्यक्रम बल्लेबाज होने के साथ ही विकेटकीपर भी बन गए और उन्होंने बैटिंग और विकेट कीपिंग में काफी अच्छा प्रदर्शन किया चयनकर्ताओं ने उनको आगे मैचों में खेलने के लिए मौके कई प्रदान किए।

पिता की इच्छा के बिना क्रिकेट खेलना शुरू किया

उत्तर प्रदेश के आगरा में जन्मे ध्रुव जुरैल क्रिकेट जगत में पहुंचना इतना आसान नहीं था ,उनके संघर्ष की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। 22 वर्षी खिलाड़ी के पिता नहीं चाहते थे कि वह क्रिकेटर बने वह बेटे को अपनी तरह ही देश की सेवा में समर्पित करना चाहते थे दरअसल ध्रुव के पिता नेम सिंह भारतीय सेवा में थे जिन्होंने कारगिल युद्ध में भाग लिया था । 2001 में ध्रुव का जन्म हुआ छोटी उम्र से ही वह क्रिकेटर बनन चाहते थे लेकिन पिताजी क्रिकेटर नहीं बनना चाहते थे।

आर्मी स्कूल में पढ़ाई के दौरान उन्होंने तैराकी के कैंप में जाना शुरू कर दिया था, लेकिन उन्हें स्विमिंग से ज्यादा क्रिकेट में रुचि थी जब स्कूल में तैराकी की कक्षाएं चलती थी तो ध्रुव क्रिकेट खेला करते थे उन्हें क्रिकेट इतना पसंद आया कि उन्होंने तैराकी से अपना नाम हटाकर क्रिकेट में लिखवा लिया। जब उनके पिता को इसका पता चला तो काफी गुस्सा हुए ,लेकिन बाद में मान गए ।

Suhani Bhatnagar Death: दंगल की सुहानी भटनागर का 19 साल में निधन, आमिर खान की बेटी बबीता फोगाट का रोल निभाया था

Suhani Bhatnagar Death: दंगल की सुहानी भटनागर का 19 साल में निधन हो गया है, आमिर खान स्टार सुपर हिट फिल्म दंगल में छोटी बेटी बबीता फोगाट का रोल निभाने वाली एक्ट्रेस सुहानी भटनागर का 19 साल की उम्र में निधन हो गया है।

फिल्म दंगल में छोटी बेटी बबीता फोगाट का रोल निभाने वाली एक्ट्रेस सुहानी भटनागर
फिल्म दंगल में छोटी बेटी बबीता फोगाट का रोल निभाने वाली एक्ट्रेस सुहानी भटनागर द वीक

गलत इलाज की वजह से हुई मौत

जानकारी के मुताबिक कुछ वक्त पहले शिवानी भटनागर के पैर में चोट लगी थी उनके पैर में हुए फ्रैक्चर के लिए उन्होंने ट्रीटमेंट करवाई. उनकी दवाइयो से उन्हें साइड इफेक्ट होने लगे बताया जा रहा है की एक्ट्रेस की बॉडी में फ्लूड बनने लगा था जिसकी वजह से उनकी मौत हुई, शिवानी काफी वक्त से दिल्ली के एम्स अस्पताल में काफी वक्त से एडमिट थी उनका अंतिम संस्कार शनिवार को फरीदाबाद में होगा.

दंगल की सुहानी भटनागर का 19 साल में निधन, आमिर खान की बेटी बबीता फोगाट का रोल निभाया था
दंगल की सुहानी भटनागर का 19 साल में निधन, आमिर खान की बेटी बबीता फोगाट का रोल निभाया था

2016 में रिलीज हुई आमिर खान की फिल्म दंगल के साथ स्वामी भटनागर ने बॉलीवुड डेब्यू किया था एक्टिंग के साथ ही शिवानी को सिंगिंग और डांसिंग का कॉपी शौक था शिवानी ने इस फिल्म के अलावा कई सारे ऐड भी किए थे हालांकि दंगल से ही उन्हें पापुलैरिटी मिली और वह लोगों की चाहती बन गई थी उनकी मासूमियत और एक्टिंग ने फैंस को उनका कल बना दिया था

रिपोर्ट्स की माने तो शिवानी का अंतिम संस्कार आज रौंदा स्वर्ग आश्रम में किया जाएगा कहा जा रहा है कि शिवानी का कुछ दिन पहले पैर में फ्रैक्चर हुआ था इसके लिए भी दवाइयां ले रही थी शिवानी को दवाई का रिएक्शन हुआ और पूरे शरीर में पानी भर गया इसी के चलते उनका निधन हुआ।

BYD Dolphin EV कार जल्द, ही भारत में होंगी लॉन्च,ट्रेडमार्क हुआ रजिस्टर्ड

BYD Dolphin EV कार जल्द ही भारत में होंगी लॉन्च,ट्रेडमार्क हुआ रजिस्टर्ड , BYD डॉल्फिन भारत में लांच होने से सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कर बन जाएगी। बाजार में भी BYD Dolphin को दो बैट्री पैक विकल्पों के साथ पेश किया गया है, 427 किलोमीटर की डब्ल्यूएलटीपी रेटेड रेंज के साथ 60. 4 Kwh और 44.9 kwh बैटरी पैक है जिसमें एक्टिव वेरिएंट में WLT – रेटेड रेंज 340 किलोमीटर और बूस्ट वेरिएंट में 310 किलोमीटर हैं।

BYD Dolphin EV कार जल्द ही भारत में होंगी लॉन्च
BYD Dolphin EV कार जल्द ही भारत में होंगी लॉन्च

चार्जिंग और परफॉर्मेंस

100 किलोवाट डीसी चार्जर का उपयोग करते समय बैट्री पैक को 30% से 85% तक एक चार्ज होने में केवल 29 मिनट लगते हैं इसमें 11 किलोवाट AC 3 फेज चार्जर भी है इसके अलावा इलेक्ट्रिक हैचबैक V2L यह व्हीकल टू लोड के साथ भी आती है इस सुविधा का मतलब है कि डॉल्फिन बिजली के उपकरणों को बिजली दे सकती है और बाहरी उपकरणों का उपयोग करके चार्ज भी कर सकती है।

BYD Dolphin EV कार जल्द ही भारत में होंगी लॉन्च
BYD Dolphin EV कार जल्द ही भारत में होंगी लॉन्च

BYD Dolphin में खास क्या है

डॉल्फिन का 60 किलोवाट संस्करण 7 सेकंड में 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकता है यह एक इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा संचालित है जो 201 bhp और 290 Nm का उत्पादन करने में सक्षम है टॉप स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा है और इसमें चार रीडिंग मोड स्पोर्ट नॉर्मल इकोनामी और स्नो दिए गए हैं।

BYD Dolphin फीचर्स

फीचर्स की बात करें तो डॉल्फिन ई वी हीटेड फ्रंट सीट्स एडजेस्टेबल हैंड लैंप ,एलइडी लाइटिंग ,,और पैनोरमिक सनरूफ से लैस है ।सेफ्टी की बात करें तो इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल एक्शन कंट्रोल हिल डिस्टेंस कंट्रोल, ऑटोमेटिक व्हीकल होल्ड  दिए गए हैं साथ ही ये ADAS से लैस है।

Happy Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी 2024 का महत्व जाने क्यों मनाई जाती है, बसंत पंचमी

Happy Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी 2024 का महत्व जाने क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी 14 फरवरी 2024 को बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है बसंत पंचमी को श्री पंचमी ज्ञान पंचमी भी कहा जाता है यह त्यौहार माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पड़ता है

Happy Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी 2024 का महत्व जाने क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी

क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी

बसंत पंचमी एक हिंदू त्यौहार है जो आमतौर पर फरवरी में बसंत ऋतु के दौरान मनाई जाती है इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है जो ज्ञान संगीत और शिक्षा की देवी है बसंत पंचमी को श्री पंचमी ज्ञान पंचमी भी कहा जाता है यह त्यौहार माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पड़ता है हिंदू परंपराओं के अनुसार पूरे वर्ष में 6 ऋतुओं में बांटा गया है जिसमें बसंत ऋतु ग्रीष्म ऋतु वर्षा ऋतु शरद ऋतु हेमंत ऋतु और शिशिर ऋतु शामिल है इन ऋतुओं में से बसंत रितु को सभी ऋतुओं का राजा कहा जाता है और इसी कारण इस दिन बसंत पंचमी की शुरुआत हुई इस दिन को बसंत पंचमी पर्व के रूप में जाना जाता है इस साल बसंत पंचमी 14 फरवरी 2024 को मनाई जा रही है

बसंत पंचमी में ऐसा क्या खास है

बसंत पंचमी का दिन ज्ञान बुद्धि और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित है यह हर साल माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी  मनाया जाता है इस खास अवसर पर लोग सुबह स्नान कर पीले वस्त्र धारण करते हैं और मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा अर्चना करते हैं और मिठाई का प्रसाद मां सरस्वती को भोग लगाते हैं गरीबों में भोजन दान करते हैं।

बसंत पंचमी के दिन किसका जन्म हुआ था

हर साल माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था

बसंत पंचमी के दिन क्या करना चाहिए

बसंत पंचमी के दिन पूजा करें देसी घी का दिया जलाएं देवी के माथे पर हल्दी का तिलक लगाए और देवी को पीले रंग की माला चढ़ाएं मिठाई और भोग प्रसाद चढ़ाएं मंत्र जाप करें देवी को प्रसन्न करने के लिए लोगों को देवी सरस्वती को समर्पित विभिन्न मंत्रों का जाप करना चाहिए,ओम सरस्वती नम:

बसंत पंचमी 2024 में सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त

बसंत पंचमी 2024 में सरस्वती की पूजा का शुभ मुहूर्त है सुबह 7:11 से लेकर 12:35 तक यह दैनिक पंचांग के अनुसार यह शुभ मुहूर्त 5 घंटा 35 मिनट तक रहेगा

सरस्वती मंत्र

ओम श्री सरस्वती नमः

ओम श्री सरस्वते नमः

 

 

Uttrakhand Tunnel Rescue: झांसी के बहादुर परसादी व राकेश, भूपेंद्र तीनों ने मिलकर उत्तराखंड टनल से 41मजदूरों को बाहर जीवित निकाला

Uttrakhand Tunnel Rescue: झांसी के बहादुर परसादी लोधी व राकेश, भूपेंद्र राजपूत तीनों ने मिलकर उत्तराखंड टनल से 41मजदूरों को बाहर जीवित निकाला
Uttrakhand Tunnel Rescue: झांसी के बहादुर परसादी लोधी व राकेश, भूपेंद्र राजपूत तीनों ने मिलकर उत्तराखंड टनल से 41मजदूरों को बाहर जीवित निकाला

Uttrakhand Tunnel Rescue:  उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढहने के कारण सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को मंगलवार को 17वें दिन सही सलामत निकल लिया गया है। 16 दिनों के बाद अंधेरे से निकले श्रमिकों ने खुशी की लहर है परिवार से मिलकर श्रमिकों ने राहत की सांस ली।

झांसी के परसादी लोधी
झांसी के वीर परसादी लोधी

परसादी लोधी ने संभाली कमान

रैट स्पेनर्स रेस्क्यू की कमान झांसी में रहने वाले प्रसादी लोदी ने संभाली। लगभग 12 साल से दिल्ली और अहमदाबाद में रैट होल माइनिंग का काम कर रहे प्रसादी के सामने टनल में फंसे लोगों को निकालने का पहला अनुभव था। लेकिन उन्होंने इसे चुनौती के रूप में लिया। हिलटी हैंड ड्रिल मशीन को 800 मिमी के पाइप में ले जाकर ड्रिलिंग करते हुए मालवा निकलना शुरू कर दिया। क्योंकि टनल में जाना उनके लिए बाएं हाथ का खेल था ।और वह 600 मीटर पाइप के अंदर घुसकर भी रैट माइनिंग कर लेते थे। लिहाजा उन्हें ज्यादा दिक्कत नहीं आई लगभग 21 घंटे की मेहनत कर उनकी टीम ने 12 से 13 मीटर खुदाई की।

झांसी के राकेश राजपूत
झांसी के राकेश राजपूत

झांसी के वीर राकेश ने दांव पर लगा दी जान

प्रसादी के साथ झांसी का ही राकेश राजपूत भी ट्रेंचलैस कंपनी में पाइप पुशिंग का काम करता है। उसका काम मालवा निकालने का हैं। उसने गैंती और फावड़े की मदद से मालवा एकत्र किया। और ट्राली में चढ़कर बाहर खींचा पहले अमेरिकन आगर मशीन से ड्रिल कराई लेकिन यह दगा दे गई ।इससे राकेश भी सुरंग में फंस गए उनके वापस जीवित लौटने की उम्मीद कम हो गई थी ,लेकिन हौसला रखा। इसी बीच रैट माइनर्स ने मोर्चा संभाला।फिर क्या था पर परसादी का दिमाग और राकेश का हौसला काम कर गया ।और सभी श्रमिक सकुशल बाहर निकल आए ।इसमें झांसी के ही भूपेंद्र राजपूत ने भी सक्रिय योगदान दिया मजदूरों को निकालने वाले दल में भी शामिल रहे।

12 नवंबर को जब पूरा देश दिवाली मना रहा था तभी उत्तरकाशी में सुरंग में खुदाई कर रहे श्रमिक टनल का एक हिस्सा गिरने से 41 मजदूर फंस गए ।सुरंग इतनी सकरी थी कि वह वहां से नहीं निकाल पाए ।रेस्क्यू करने वाली टीम एक प्लान बनती तो दूसरा प्लेन बनती हर प्लान फेल हो जाते कामयाबी कोसों दूर थी ।ऐसे में चूहा छेदन कंपनी नवयुग के कर्मचारी देवदूत बनकर आए ।उन्होंने देशी जुगाड से सुरंग में छेद कर 41 श्रमिकों को बाहर निकलने का काम किया। उन्हें सुरक्षित निकालने में झांसी के रैट स्पेनर्स प्रसादी लोधी व राकेश राजपूत और भूपेंद्र राजपूत का अहम योगदान रहा।

HBTU Kanpur के 102 साल : हरकोर्ट बटलर की पहल पर कानपुर में बना एचबीटीयू

HBTU Kanpur के 102 साल : हरकोर्ट बटलर की पहल पर कानपुर में बना एचबीटीयू
HBTU Kanpur के 102 साल : हरकोर्ट बटलर की पहल पर कानपुर में बना एचबीटीयू

HBTU Kanpur के 102 साल : हरकोर्ट बटलर की पहल पर कानपुर में बना एचबीटीयू विश्वविद्यालय कानपुर में ,बात है अंग्रेजी हुकूमत समय की  लेफ्टिनेंट गवर्नर जॉन हेवेट ने इंडस्ट्रियल विकास के लिए कमेटी का गठन किया था। कमेटी में एजुकेशन मेंबर रहे स्पेंसर हरकोर्ट बटलर ने कानपुर के लोगों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए 1908 में यहां संस्थान खोलने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि बटलर का पद चले जाने की वजह से संस्थान नहीं खुल सका मामला दबा दिया गया।

1920 में फिर से संस्थान खोलने की बात चली। इस बार कानपुर के बजाय लखनऊ टेक्निकल स्कूल को गवर्नमेंट टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट बनाने की कवायत होने लगी। तो हरकोर्ट बटलर कानपुर में ही संस्थान बनाने पर अड़ गए इस पर कमेटी को कानपुर में ही गवर्नमेंट टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट खोलना पड़ा। जो अब एचबीटीयू के नाम से जाना जाता है।

यह जानकारी संस्थान के 1980 बैच के छात्र विश्वनाथ चट्टोपाध्याय की किताब से मिली है ,25 नवंबर 1921 संस्थान की इमारत की नई ब्रिटिश इंडिया के संयुक्त प्रांत के गवर्नर स्पेंसर हरकोर्ट बटलर ने रखी थी। सबसे ज्यादा  रिसर्च करने वाले देश का पहला संस्थान था। वर्ष 1926 में जब प्रधानाचार्य ईआर वाटसन रिटायर हो रहे थे। और नए प्रधानाचार्य डॉ. गिल्बर्ट जी फोलर ने कार्यभार ग्रहण किया। तो संस्थान का नाम बदलकर गवर्नर के नाम पर हरकोर्ट बटलर टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट रखा गया था।

1932 से 1964 के बीच शुरू हुए कई टेक्नोलॉजी कोर्स:

1932 से 1964 के बीच यहां शोध कोर्सों के साथ ग्लास टेक्नोलॉजी  इलेक्ट्रिकल मैकेनिकल इंजीनियरिंग स्नातक में कोर्स शुरू हुए।

1961 में गणित विभाग, 1964 में प्लास्टिक टेक्नोलॉजी बायोकेमिकल इंजीनियरिंग व फूड टेक्नोलॉजी मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स  शुरू हुए। पीएचडी भी शुरू हुई।

HBTU kanpur ने देश को दिया ऑयल टेक्नोलॉजी का उपहार

एचबीटीयू ने देश को ऑयल टेक्नोलॉजी कोर्स को उपहार दिया था खाने से लेकर साबुन बनाने तक में इस्तेमाल होने वाले ऑयल टेक्नोलॉजी की पढ़ाई एचवीटीयू में ही शुरू हुई थी। यहां से निकले छात्रों ने देश भर में पहचान बनाई 1930 बैच के केडी मालवी को फादर आफ पैट्रोलियम इंडस्ट्री भी कहा जाता है।

HBTU कानपुर लेदर और शुगर टेक्नोलॉजी का जन्मदाता बना।

1928 मैं इसी संस्थान में शुगर टेक्नोलॉजी कोर्स शुरू किया गया था। जिसे 1936 में अलग से शर्करा संस्थान बनाने के कारण बंद कर दिया गया। यही संस्थान अब कल्याणपुर में राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के रूप से जाना जाता है। इसी तरह वर्ष 1922 में संस्थान में लेदर टेक्नोलॉजी कोर्स शुरू हुआ था बाद में लेदर टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट का भी अलग से निर्माण हुआ

एचबीटीयू के पूर्व छात्रों ने देश विदेश में नाम रोशन किया

1930 बैच के केडी मालवीय को फादर ऑफ इंडियन पैट्रोलियम इंडस्ट्री कहा जाता है तेल टेक्नोलॉजी से पढ़ाई करने वाले मालवीय 1970 में पेट्रोलियम मंत्री भी रह चुके हैं।

1991 बच के बलराम उपाध्याय सिविल इंजीनियरिंग से बीटेक है वर्तमान में कमिश्नर आफ पुलिस के पद पर तैनात हैं

एचबीटीयू के 1991 बैच के प्रोफेसर विनय कुमार पाठक साइंस विभाग के छात्र रहे हैं वर्तमान में वह सीएसजेएमयू विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति हैं

1987 बैच के पूर्णेन्दु घोष बायोकेमिकल इंजीनियरिंग के छात्र रहे हैं वह बिरला इंस्टीट्यूट आफ साइंटिफिक रिसर्च के निदेशक पद पर भी रह चुके हैं।

1972 बैच के दिनेश सहारा केमिकल इंजीनियरिंग के छात्र रहे हैं वह रुचि ग्रुप आफ इंडस्ट्री के एक सीएमडी रहे हैं।

1980 बैच के राजीव प्रताप सिंह एमटेक के छात्र रहे। उन्होंने नूडल्स को खराब होने से बचाने और स्वादिष्ट मसाला तैयार करने की शुरुआत की।

1974 बैच के राजेंद्र कुमार जालान केमिकल इंजीनियरिंग के छात्र रहे हैं वह चर्म निर्यात परिषद के वाइस चेयरमैन भी रह चुके हैं।

शमशेर जी मैकेनिकल इंजीनियरिंग  के हैं वर्तमान में एचबीटीयू के कुलपति हैं।

102 वर्ष पहले एचबीटीआई की हुई थी स्थापना

102 वर्ष पहले एचबीटीआई की हुई थी स्थापना
102 वर्ष पहले एचबीटीआई की हुई थी स्थापना

देश के सबसे पुराने तकनीकी शिक्षण संस्थानों में शामिल होना गौरव की बात है कई तकनीकी शिक्षण संस्थान ने एचबीटीआई परिषद से ही अपनी विकास यात्रा शुरू की है तकनीक और शिक्षण में अग्रणी बनने के लिए संस्थान के पूर्व शिक्षकों और छात्रों ने भी कड़ी मेहनत की है इसी परंपरा को बनाए रखते हुए संस्थान ने पहली बार में नैक मूल्यांकन में ए प्लस का ग्रेड हासिल किया है। प्रोफेसर एसके शर्मा कुलसचिव HBTU कानपुर

Liberia:Joseph Boakai ने लाइबेरिया का राष्ट्रपति चुनाव जीता, मशहूर फुटबॉलर जॉर्ज विया को 20 हजार वोटो से हराया

 Joseph Boakai ने लाइबेरिया का राष्ट्रपति चुनाव जीता, फोटो एएफपी
Joseph Boakai ने लाइबेरिया का राष्ट्रपति चुनाव जीता,फोटो एफपी

मोनरोविया।  Joseph Boakai ने लाइबेरिया का राष्ट्रपति चुनाव जीता,मशहूर फुटबॉलर जॉर्ज विया को 20 हजार वोटो से हराया। सोमवार को राष्ट्रीय चुनाव आयोग (NEC) ने मत पत्रों की गिनती पूरी करने के बाद कहा कि जोसेफ बोकाई (Joseph Boakai) को विजेता घोषित किया गया है ।

बोकाई ने केवल 20567 वोटो के अंतर से जीत हासिल की ।चुनाव में 99.98 प्रतिशत मतदाताओं ने हिस्सा लिया। जॉर्ज विया ने शुक्रवार शाम को ही चुनाव में हार मान ली थी।

जोसेफ बोकाई ने जार्ज विया को चुनाव में हराया 

राष्ट्रपति चुनाव में मौजूदा  जॉर्ज विया को हराकर  बोकाई को विजेता घोषित किया गया ।चुनाव आयोग के अध्यक्ष (Davidetta Browne Lansanah) ने संवाददाताओं से कहा Boakai ने 50.64 प्रतिशत वोट के साथ जीत हासिल की, जबकि पूर्व अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल स्टार (Davidetta Browne Lansanah) को 49.36 प्रतिशत वोट मिले थे।

मशहूर फुटबॉलर जॉर्ज विया ,फोटो एफपी
मशहूर फुटबॉलर जॉर्ज विया ,फोटो एफपी

Bokai ने केवल 20567 वोटो के अंतर से जीत हासिल की ।चुनाव में 99.98 प्रतिशत मतदाताओं ने हिस्सा लिया बता दें कि जार्ज विया ने शुक्रवार शाम को ही चुनाव में हार मान ली थी।

World Cup 2023 Final IND vs AUS: छठी बार वर्ल्ड चैंपियन बना ऑस्ट्रेलिया फाइनल में छह विकेट से हराया भारत को

छठी बार वर्ल्ड चैंपियन बना ऑस्ट्रेलिया फाइनल में छह विकेट से हराया भारत को
छठी बार वर्ल्ड चैंपियन बना ऑस्ट्रेलिया फाइनल में छह विकेट से हराया भारत को

World Cup 2023 Final IND vs AUS: छठी बार वर्ल्ड चैंपियन बना ऑस्ट्रेलिया फाइनल में छह विकेट से हराया भारत को हराया । 19 नवंबर को अहमदाबाद में विश्व कप 2023 का फाइनल भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच में खेला गया। जिसमें आस्ट्रेलिया ने भारत को 6 विकेट से हराया ऑस्ट्रेलिया ने वनडे विश्व कप के किताब को छठी बार अपने नाम किया।

ट्रेविस हेड ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया की ओर से 137 रन की शानदार पारी खेली मार्नुस लबूशन 58 रन बनाकर नाबाद लौटे। ऑस्ट्रेलिया ने भारत से मिले 241 रन का लक्ष्य को 43 ओवर में हासिल कर लिया।

इससे पहले भारतीय टीम फाइनल मैच में 240 रन बनाकर ऑल आउट हुई टीम की ओर से केएल राहुल ने 66 रन की शानदार पारी खेली जबकि विराट कोहली ने 54 रनों का योगदान दिया और रोहित शर्मा ने 47 रन बनाए।छठी बार वर्ल्ड चैंपियन बना ऑस्ट्रेलिया फाइनल में छह विकेट से जीता।