Uttrakhand Tunnel Rescue: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढहने के कारण सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को मंगलवार को 17वें दिन सही सलामत निकल लिया गया है। 16 दिनों के बाद अंधेरे से निकले श्रमिकों ने खुशी की लहर है परिवार से मिलकर श्रमिकों ने राहत की सांस ली।
परसादी लोधी ने संभाली कमान
रैट स्पेनर्स रेस्क्यू की कमान झांसी में रहने वाले प्रसादी लोदी ने संभाली। लगभग 12 साल से दिल्ली और अहमदाबाद में रैट होल माइनिंग का काम कर रहे प्रसादी के सामने टनल में फंसे लोगों को निकालने का पहला अनुभव था। लेकिन उन्होंने इसे चुनौती के रूप में लिया। हिलटी हैंड ड्रिल मशीन को 800 मिमी के पाइप में ले जाकर ड्रिलिंग करते हुए मालवा निकलना शुरू कर दिया। क्योंकि टनल में जाना उनके लिए बाएं हाथ का खेल था ।और वह 600 मीटर पाइप के अंदर घुसकर भी रैट माइनिंग कर लेते थे। लिहाजा उन्हें ज्यादा दिक्कत नहीं आई लगभग 21 घंटे की मेहनत कर उनकी टीम ने 12 से 13 मीटर खुदाई की।
झांसी के वीर राकेश ने दांव पर लगा दी जान
प्रसादी के साथ झांसी का ही राकेश राजपूत भी ट्रेंचलैस कंपनी में पाइप पुशिंग का काम करता है। उसका काम मालवा निकालने का हैं। उसने गैंती और फावड़े की मदद से मालवा एकत्र किया। और ट्राली में चढ़कर बाहर खींचा पहले अमेरिकन आगर मशीन से ड्रिल कराई लेकिन यह दगा दे गई ।इससे राकेश भी सुरंग में फंस गए उनके वापस जीवित लौटने की उम्मीद कम हो गई थी ,लेकिन हौसला रखा। इसी बीच रैट माइनर्स ने मोर्चा संभाला।फिर क्या था पर परसादी का दिमाग और राकेश का हौसला काम कर गया ।और सभी श्रमिक सकुशल बाहर निकल आए ।इसमें झांसी के ही भूपेंद्र राजपूत ने भी सक्रिय योगदान दिया मजदूरों को निकालने वाले दल में भी शामिल रहे।
12 नवंबर को जब पूरा देश दिवाली मना रहा था तभी उत्तरकाशी में सुरंग में खुदाई कर रहे श्रमिक टनल का एक हिस्सा गिरने से 41 मजदूर फंस गए ।सुरंग इतनी सकरी थी कि वह वहां से नहीं निकाल पाए ।रेस्क्यू करने वाली टीम एक प्लान बनती तो दूसरा प्लेन बनती हर प्लान फेल हो जाते कामयाबी कोसों दूर थी ।ऐसे में चूहा छेदन कंपनी नवयुग के कर्मचारी देवदूत बनकर आए ।उन्होंने देशी जुगाड से सुरंग में छेद कर 41 श्रमिकों को बाहर निकलने का काम किया। उन्हें सुरक्षित निकालने में झांसी के रैट स्पेनर्स प्रसादी लोधी व राकेश राजपूत और भूपेंद्र राजपूत का अहम योगदान रहा।