BYD Dolphin EV कार जल्द ही भारत में होंगी लॉन्च,ट्रेडमार्क हुआ रजिस्टर्ड , BYD डॉल्फिन भारत में लांच होने से सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कर बन जाएगी। बाजार में भी BYD Dolphin को दो बैट्री पैक विकल्पों के साथ पेश किया गया है, 427 किलोमीटर की डब्ल्यूएलटीपी रेटेड रेंज के साथ 60. 4 Kwh और 44.9 kwh बैटरी पैक है जिसमें एक्टिव वेरिएंट में WLT – रेटेड रेंज 340 किलोमीटर और बूस्ट वेरिएंट में 310 किलोमीटर हैं।
चार्जिंग और परफॉर्मेंस
100 किलोवाट डीसी चार्जर का उपयोग करते समय बैट्री पैक को 30% से 85% तक एक चार्ज होने में केवल 29 मिनट लगते हैं इसमें 11 किलोवाट AC 3 फेज चार्जर भी है इसके अलावा इलेक्ट्रिक हैचबैक V2L यह व्हीकल टू लोड के साथ भी आती है इस सुविधा का मतलब है कि डॉल्फिन बिजली के उपकरणों को बिजली दे सकती है और बाहरी उपकरणों का उपयोग करके चार्ज भी कर सकती है।
BYD Dolphin में खास क्या है
डॉल्फिन का 60 किलोवाट संस्करण 7 सेकंड में 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकता है यह एक इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा संचालित है जो 201 bhp और 290 Nm का उत्पादन करने में सक्षम है टॉप स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा है और इसमें चार रीडिंग मोड स्पोर्ट नॉर्मल इकोनामी और स्नो दिए गए हैं।
BYD Dolphin फीचर्स
फीचर्स की बात करें तो डॉल्फिन ई वी हीटेड फ्रंट सीट्स एडजेस्टेबल हैंड लैंप ,एलइडी लाइटिंग ,,और पैनोरमिक सनरूफ से लैस है ।सेफ्टी की बात करें तो इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल एक्शन कंट्रोल हिल डिस्टेंस कंट्रोल, ऑटोमेटिक व्हीकल होल्ड दिए गए हैं साथ ही ये ADAS से लैस है।
Happy Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी 2024 का महत्व जाने क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी 14 फरवरी 2024 को बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है बसंत पंचमी को श्री पंचमी ज्ञान पंचमी भी कहा जाता है यह त्यौहार माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पड़ता है
क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी
बसंत पंचमी एक हिंदू त्यौहार है जो आमतौर पर फरवरी में बसंत ऋतु के दौरान मनाई जाती है इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है जो ज्ञान संगीत और शिक्षा की देवी है बसंत पंचमी को श्री पंचमी ज्ञान पंचमी भी कहा जाता है यह त्यौहार माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पड़ता है हिंदू परंपराओं के अनुसार पूरे वर्ष में 6 ऋतुओं में बांटा गया है जिसमें बसंत ऋतु ग्रीष्म ऋतु वर्षा ऋतु शरद ऋतु हेमंत ऋतु और शिशिर ऋतु शामिल है इन ऋतुओं में से बसंत रितु को सभी ऋतुओं का राजा कहा जाता है और इसी कारण इस दिन बसंत पंचमी की शुरुआत हुई इस दिन को बसंत पंचमी पर्व के रूप में जाना जाता है इस साल बसंत पंचमी 14 फरवरी 2024 को मनाई जा रही है
बसंत पंचमी में ऐसा क्या खास है
बसंत पंचमी का दिन ज्ञान बुद्धि और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित है यह हर साल माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाया जाता है इस खास अवसर पर लोग सुबह स्नान कर पीले वस्त्र धारण करते हैं और मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा अर्चना करते हैं और मिठाई का प्रसाद मां सरस्वती को भोग लगाते हैं गरीबों में भोजन दान करते हैं।
बसंत पंचमी के दिन किसका जन्म हुआ था
हर साल माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था
बसंत पंचमी के दिन क्या करना चाहिए
बसंत पंचमी के दिन पूजा करें देसी घी का दिया जलाएं देवी के माथे पर हल्दी का तिलक लगाए और देवी को पीले रंग की माला चढ़ाएं मिठाई और भोग प्रसाद चढ़ाएं मंत्र जाप करें देवी को प्रसन्न करने के लिए लोगों को देवी सरस्वती को समर्पित विभिन्न मंत्रों का जाप करना चाहिए,ओम सरस्वती नम:
बसंत पंचमी 2024 में सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त
बसंत पंचमी 2024 में सरस्वती की पूजा का शुभ मुहूर्त है सुबह 7:11 से लेकर 12:35 तक यह दैनिक पंचांग के अनुसार यह शुभ मुहूर्त 5 घंटा 35 मिनट तक रहेगा
Uttrakhand Tunnel Rescue: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढहने के कारण सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को मंगलवार को 17वें दिन सही सलामत निकल लिया गया है। 16 दिनों के बाद अंधेरे से निकले श्रमिकों ने खुशी की लहर है परिवार से मिलकर श्रमिकों ने राहत की सांस ली।
परसादी लोधी ने संभाली कमान
रैट स्पेनर्स रेस्क्यू की कमान झांसी में रहने वाले प्रसादी लोदी ने संभाली। लगभग 12 साल से दिल्ली और अहमदाबाद में रैट होल माइनिंग का काम कर रहे प्रसादी के सामने टनल में फंसे लोगों को निकालने का पहला अनुभव था। लेकिन उन्होंने इसे चुनौती के रूप में लिया। हिलटी हैंड ड्रिल मशीन को 800 मिमी के पाइप में ले जाकर ड्रिलिंग करते हुए मालवा निकलना शुरू कर दिया। क्योंकि टनल में जाना उनके लिए बाएं हाथ का खेल था ।और वह 600 मीटर पाइप के अंदर घुसकर भी रैट माइनिंग कर लेते थे। लिहाजा उन्हें ज्यादा दिक्कत नहीं आई लगभग 21 घंटे की मेहनत कर उनकी टीम ने 12 से 13 मीटर खुदाई की।
झांसी के वीर राकेश ने दांव पर लगा दी जान
प्रसादी के साथ झांसी का ही राकेश राजपूत भी ट्रेंचलैस कंपनी में पाइप पुशिंग का काम करता है। उसका काम मालवा निकालने का हैं। उसने गैंती और फावड़े की मदद से मालवा एकत्र किया। और ट्राली में चढ़कर बाहर खींचा पहले अमेरिकन आगर मशीन से ड्रिल कराई लेकिन यह दगा दे गई ।इससे राकेश भी सुरंग में फंस गए उनके वापस जीवित लौटने की उम्मीद कम हो गई थी ,लेकिन हौसला रखा। इसी बीच रैट माइनर्स ने मोर्चा संभाला।फिर क्या था पर परसादी का दिमाग और राकेश का हौसला काम कर गया ।और सभी श्रमिक सकुशल बाहर निकल आए ।इसमें झांसी के ही भूपेंद्र राजपूत ने भी सक्रिय योगदान दिया मजदूरों को निकालने वाले दल में भी शामिल रहे।
12 नवंबर को जब पूरा देश दिवाली मना रहा था तभी उत्तरकाशी में सुरंग में खुदाई कर रहे श्रमिक टनल का एक हिस्सा गिरने से 41 मजदूर फंस गए ।सुरंग इतनी सकरी थी कि वह वहां से नहीं निकाल पाए ।रेस्क्यू करने वाली टीम एक प्लान बनती तो दूसरा प्लेन बनती हर प्लान फेल हो जाते कामयाबी कोसों दूर थी ।ऐसे में चूहा छेदन कंपनी नवयुग के कर्मचारी देवदूत बनकर आए ।उन्होंने देशी जुगाड से सुरंग में छेद कर 41 श्रमिकों को बाहर निकलने का काम किया। उन्हें सुरक्षित निकालने में झांसी के रैट स्पेनर्स प्रसादी लोधी व राकेश राजपूत और भूपेंद्र राजपूत का अहम योगदान रहा।
HBTU Kanpur के 102 साल : हरकोर्ट बटलर की पहल पर कानपुर में बना एचबीटीयू विश्वविद्यालय कानपुर में ,बात है अंग्रेजी हुकूमत समय की लेफ्टिनेंट गवर्नर जॉन हेवेट ने इंडस्ट्रियल विकास के लिए कमेटी का गठन किया था। कमेटी में एजुकेशन मेंबर रहे स्पेंसर हरकोर्ट बटलर ने कानपुर के लोगों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए 1908 में यहां संस्थान खोलने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि बटलर का पद चले जाने की वजह से संस्थान नहीं खुल सका मामला दबा दिया गया।
1920 में फिर से संस्थान खोलने की बात चली। इस बार कानपुर के बजाय लखनऊ टेक्निकल स्कूल को गवर्नमेंट टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट बनाने की कवायत होने लगी। तो हरकोर्ट बटलर कानपुर में ही संस्थान बनाने पर अड़ गए इस पर कमेटी को कानपुर में ही गवर्नमेंट टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट खोलना पड़ा। जो अब एचबीटीयू के नाम से जाना जाता है।
यह जानकारी संस्थान के 1980 बैच के छात्र विश्वनाथ चट्टोपाध्याय की किताब से मिली है ,25 नवंबर 1921 संस्थान की इमारत की नई ब्रिटिश इंडिया के संयुक्त प्रांत के गवर्नर स्पेंसर हरकोर्ट बटलर ने रखी थी। सबसे ज्यादा रिसर्च करने वाले देश का पहला संस्थान था। वर्ष 1926 में जब प्रधानाचार्य ईआर वाटसन रिटायर हो रहे थे। और नए प्रधानाचार्य डॉ. गिल्बर्ट जी फोलर ने कार्यभार ग्रहण किया। तो संस्थान का नाम बदलकर गवर्नर के नाम पर हरकोर्ट बटलर टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट रखा गया था।
1932 से 1964 के बीच शुरू हुए कई टेक्नोलॉजी कोर्स:
1932 से 1964 के बीच यहां शोध कोर्सों के साथ ग्लास टेक्नोलॉजी इलेक्ट्रिकल मैकेनिकल इंजीनियरिंग स्नातक में कोर्स शुरू हुए।
1961 में गणित विभाग, 1964 में प्लास्टिक टेक्नोलॉजी बायोकेमिकल इंजीनियरिंग व फूड टेक्नोलॉजी मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स शुरू हुए। पीएचडी भी शुरू हुई।
HBTU kanpur ने देश को दिया ऑयल टेक्नोलॉजी का उपहार
एचबीटीयू ने देश को ऑयल टेक्नोलॉजी कोर्स को उपहार दिया था खाने से लेकर साबुन बनाने तक में इस्तेमाल होने वाले ऑयल टेक्नोलॉजी की पढ़ाई एचवीटीयू में ही शुरू हुई थी। यहां से निकले छात्रों ने देश भर में पहचान बनाई 1930 बैच के केडी मालवी को फादर आफ पैट्रोलियम इंडस्ट्री भी कहा जाता है।
HBTU कानपुर लेदर और शुगर टेक्नोलॉजी का जन्मदाता बना।
1928 मैं इसी संस्थान में शुगर टेक्नोलॉजी कोर्स शुरू किया गया था। जिसे 1936 में अलग से शर्करा संस्थान बनाने के कारण बंद कर दिया गया। यही संस्थान अब कल्याणपुर में राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के रूप से जाना जाता है। इसी तरह वर्ष 1922 में संस्थान में लेदर टेक्नोलॉजी कोर्स शुरू हुआ था बाद में लेदर टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट का भी अलग से निर्माण हुआ
एचबीटीयू के पूर्व छात्रों ने देश विदेश में नाम रोशन किया
1930 बैच के केडी मालवीय को फादर ऑफ इंडियन पैट्रोलियम इंडस्ट्री कहा जाता है तेल टेक्नोलॉजी से पढ़ाई करने वाले मालवीय 1970 में पेट्रोलियम मंत्री भी रह चुके हैं।
1991 बच के बलराम उपाध्याय सिविल इंजीनियरिंग से बीटेक है वर्तमान में कमिश्नर आफ पुलिस के पद पर तैनात हैं
एचबीटीयू के 1991 बैच के प्रोफेसर विनय कुमार पाठक साइंस विभाग के छात्र रहे हैं वर्तमान में वह सीएसजेएमयू विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति हैं
1987 बैच के पूर्णेन्दु घोष बायोकेमिकल इंजीनियरिंग के छात्र रहे हैं वह बिरला इंस्टीट्यूट आफ साइंटिफिक रिसर्च के निदेशक पद पर भी रह चुके हैं।
1972 बैच के दिनेश सहारा केमिकल इंजीनियरिंग के छात्र रहे हैं वह रुचि ग्रुप आफ इंडस्ट्री के एक सीएमडी रहे हैं।
1980 बैच के राजीव प्रताप सिंह एमटेक के छात्र रहे। उन्होंने नूडल्स को खराब होने से बचाने और स्वादिष्ट मसाला तैयार करने की शुरुआत की।
1974 बैच के राजेंद्र कुमार जालान केमिकल इंजीनियरिंग के छात्र रहे हैं वह चर्म निर्यात परिषद के वाइस चेयरमैन भी रह चुके हैं।
शमशेर जी मैकेनिकल इंजीनियरिंग के हैं वर्तमान में एचबीटीयू के कुलपति हैं।
102 वर्ष पहले एचबीटीआई की हुई थी स्थापना
देश के सबसे पुराने तकनीकी शिक्षण संस्थानों में शामिल होना गौरव की बात है कई तकनीकी शिक्षण संस्थान ने एचबीटीआई परिषद से ही अपनी विकास यात्रा शुरू की है तकनीक और शिक्षण में अग्रणी बनने के लिए संस्थान के पूर्व शिक्षकों और छात्रों ने भी कड़ी मेहनत की है इसी परंपरा को बनाए रखते हुए संस्थान ने पहली बार में नैक मूल्यांकन में ए प्लस का ग्रेड हासिल किया है। प्रोफेसर एसके शर्मा कुलसचिव HBTU कानपुर
Diwali 2023 Puja Shubh Muhurat: दिवाली की रात सर्वार्थ सिद्ध की रात मानी जाती है, शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी और गणेश पूजन विधि विधान के साथ पूजन करने से जीवन में खुशियां आती हैं और लक्ष्मी गणेश जी की कृपा बनी रहती हैं।
Diwali 2023: 12 नवंबर 2023 को दिवाली है यह हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है इस दिन पूरे भारत में बड़े ही धूमधाम से दिवाली का उत्सव मनाया जाता है। दिवाली में दीपक जलाने का एक प्रचलन है दिवाली की रात लक्ष्मी गणेश जी की पूजा की जाती है मान्यता है कि यदि आप सच्चे मन और विधि विधान से पूजा करते हैं तो धन की देवी मां लक्ष्मी और बुद्धि की देवता गणेश आपसे प्रसन्न रहेंगे ,आपका पूरा साल अच्छा बीतेगा और आप पर लक्ष्मी गणेश जी की कृपा बनी रहेगी। दिवाली की रात सर्वार्थ सिद्धि की रात मानी जाती है ऐसे में शुभ मुहूर्त पर विधि विधान के साथ पूजन करने से जीवन में खुशियां आती हैं चलिए हम बताते हैं दिवाली की पूजा विधि शुभ मुहूर्त महत्व और इस दिन क्या करें और क्या ना करें।
दीवाली 2023 पूजा का शुभ मुहूर्त Diwali Puja Shubh Muhurat
दिवाली 2023 की पूजा का शुभ मुहूर्त 12 नवंबर की शाम 5:40 से लेकर 7:36 तक है वहीं लक्ष्मी जी की पूजा के लिए महानिशीथ काल मुहूर्त रात 11:39 से मध्य रात्रि 12:31 तक है इस मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा करने से जीवन में अपार सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी।
दिवाली पूजा सामग्री लिस्ट Diwali 2023 Puja samagri list
गणेश जी मां लक्ष्मी माता सरस्वती और कुबेर देव की मूर्ति।
पान का पत्ता, और सुपारी ,केसर फल ,कमल का फूल ,पीली कौड़िया ,धान का लावा,बताशा ,मिठाई ,मोतीचूर लड्डू पंचमेवा।
लाल फूल ,कमल और गुलाब के फूल ,माला, सिंदूर ,कुमकुम रोली चंदन।
कलश, पीतल का दीपक मिट्टी का दिया हुई की बत्ती नारियल लक्ष्मी और गणेश के सोने या चांदी के सिक्के धनिया
आसन के लिए लाल या पीले रंग का कपड़ा लकड़ी की चौकी आम के पत्ते लांग आदि।
Diwali Puja Vidhi 2023 दिवाली 2023 पूजा विधि
दिवाली पर मुख्य रूप से मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। ऐसे में सबसे पहले हम जिस स्थान पर जिस घर के स्थान पर पूजा करते हैं सबसे पहले उसको हम साफ करते हैं गाय के गोबर से उसको अच्छे से लिपाई करते हैं ।और एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाए ,फिर इस चौकी पर बीच में मुट्ठी भर अनाज रखें कलस को अनाज के बीच में रखें इसके बाद कलश में पानी भरकर एक सुपारी गेंदे का फूल एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डालें । कलश पर पांच आम के पत्ते गोलाकार आकार में रखें बीच में देवी लक्ष्मी की मूर्ति और कलश के दाहिनी ओर भगवान गणेश की मूर्ति रखें ।अब एक छोटी सी थाली में चावल के थाली ना हो तो प्लेट में चावल दोनों का एक छोटा सा देर बनाएं हल्दी कमल का फूल बनाएं कुछ सिक्के डालें मूर्ति के सामने रख दें इसके बाद अपने व्यापार लेखा पुस्तक और अन्य धन व्यवसाय से फैक्ट्री नौकरी संबंधित वस्तुओं को मूर्ति के सामने रखें अब देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश को तिलक करें और दीपक जलाएं।दिवाली पर जाने लक्ष्मी गणेश पूजन विधि, शुभ मुहूर्त, महत्व
Diwali Puja mantra दिवाली पूजा मंत्र
श्री गणेश मंत्र
गजानन म्भूतगभू गणदीसेवितम कपित्य जंबू फल चार भक्षणम। उमासूतम सु शोक के विनाशकारकम नमामि विग्नेश्वर पाद पंकजम।।
मां लक्ष्मी मंत्र
ओम श्री हीम श्री कमले कमलालये प्रसीद प्रसिद श्रीहींम श्री ओम महालक्ष्मी नमः।।
दीवाली पर क्या करें
दिवाली के दिन प्रात काल स्नान करके स्वच्छ और सुंदर कपड़ो को पहने, घर में पकवान बनाएं घर को सजाए अपने से बड़ों का आशीर्वाद ले, माता-पिता से आशीर्वाद ले ,शाम को पूजा करें मां लक्ष्मी गणेश की विधि विधान से पूजा करें व्यावसायिक प्रतिष्ठान गाड़ी की भी विधिपूर्वक पूजा करें घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं गरीब लोगों में भोजन का वितरण करें।
दीवाली पर क्या न करें
दिवाली के दिन ना कर्ज दें ,और ना लें दिवाली के दिन घर के प्रवेश द्वार पर या घर के अंदर कहीं भी गंदगी ना रहने दे, इस दिन किसी गरीब या जरूरतमंद को दरवाजे से खाली हाथ ना जानें दे। दिवाली के दिन जुआ ना खेले शराब और मांसाहारी भोजन न करें। भगवान गणेश जी की मूर्ति ना रखें जिसकी सूंड दाहिनी ओर हो। पूजा स्थल को रात भर खाली न छोड़ें उसमें इतना घी या तेल डालें की पूरी रात जलते रहे।
दीवाली उपाय
दिवाली की रात पूजा के दौरान मां लक्ष्मी भगवान गणेश और कुबेर जी को प्रसन्न करने के लिए उनका प्रिय भोजन अर्पित करें। लक्ष्मी जी को खीर या फिर दूध से बनी सफेद मिठाई का भोग लगाए। गणेश जी को मोदक लड्डू का भोग लगाए। वहीं भगवान कुबेर देवता को साबुत धनिया चढ़ाये ,मानता है की दिवाली पर ऐसा करने से लक्ष्मी गणेश और कुबेर प्रसन्न होंगे ।और आपको सुख समृद्धि का आशीर्वाद देंगे ।और आपके जीवन में खुशियां ही खुशियां आएंगी।
क्यों मनाते है दीवाली
दीपावली रोशनी का पावन पर्व के त्यौहार का मुख्य दिन है जो बुराई पर अच्छाई और और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माना जाता है इस दिन भगवान श्री राम ने अत्याचारी रावण का वध किया था और मां सीता जी को आजाद कर अयोध्या में राम लक्ष्मण और सीता सभी लोग आकर उनके लौटने से उत्साहित होकर अयोध्या वासियों ने घी के दीपक जलाए थे।
Uttar pardesh Earthquake: उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में भूकंप के झटके .यूपी में भूकंप से दहशत शुक्रवार रात 11:39 मिनट पर भूकंप के तेज झटके लोगो ने महसूस किये, लोग घर से बाहर निकले ,भूकंप की तीव्रता 5.9 रिक्टर स्केल मापी गई कन्नौज फर्रुखाबाद औरैया कानपुर देहात कानपुर शहर में भूकंप के झटके महसूस किए लोग अपने घरो से बाहर निकल आए सड़कों पर लोग इकट्ठा होने लगें, भूकंप का केंद्र नेपाल में था भूकंप रात 11:39 बजे पर लोगों ने महसूस किया। कुछ लोग सो रहे थे कुछ लोग ऑफिस से घर को जा रहे थे,को डरे हुए थे, कन्नौज के तिर्वा से राहुल सिंह तोमर ने बताया घर में लगे पंखे खिड़की हिलने लगे लगभग 40 सेकेंड तक भूकंप के झटके महसूस हुऐ। अभी तक किसी अप्रिय घटना की सूचना प्राप्त नहीं हुई।
Earthquake:Delhi NCR में भूकंप के तेज झटके,दिल्ली एनसीआर मे शुक्रवार रात 11:39 मिनट पर भूकंप के तेज झटके लोगो ने महसूस किये, लोग घर से बाहर निकले ,भूकंप की तीव्रता 5.9 रिक्टर स्केल मापी गई नोएडा में लोग अपने घरो से बाहर निकल आए सड़कों पर लोग इकट्ठा होने लगें, भूकंप का केंद्र नेपाल में था भूकंप रात 11:39 बजे पर लोगों ने महसूस किया। कुछ लोग सो रहे थे कुछ लोग ऑफिस से घर को जा रहे थे,को डरे हुए थे,अभी तक किसी अप्रिय घटना की सूचना प्राप्त नहीं हुई।
Word Food Day 2023: विश्व खाद्य दिवस आज क्यों, क्या है जाने इस दिन का इतिहास महत्व और थीम 2023.आज 16 अक्टूबर 2023 को विश्व खाद्य दिवस मनाया जा रहा है विश्व खाद दिवस का उद्देश्य हर व्यक्ति तक सुरक्षित और पौष्टिक भोजन की पहुंच को सुनिश्चित करना है ।और साथ ही कुपोषण और भुखमरी के लिए जागरुकता को फैलाना है ।कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे ,और हर व्यक्ति फूड खाने के बाद सुरक्षित रहे ।दुनिया भर के लगभग 150 देशों में भुखमरी और गरीबी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से यह खास विश्व खाद्य दिवस मनाया जा रहा है और लोगों को इसके प्रति जागरूक होना है कि भोजन एक बुनियादी जरूरत और मौलिक मानव अधिकार है।
खाद्य दिवस का इतिहास क्या है
सन 1945 में संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) की स्थापना की गई। वर्ष 1979 में विश्व खाद दिवस शुरू किया गया था। FAO के सदस्य देशों ने 20 वें महासम्मेलन के दौरान नवंबर 1979 में वर्ल्ड फूड डे की स्थापना की, और 16 अक्टूबर 1981 को इसे मनाने का आवाहन किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 5 दिसंबर 1980 को इसकी आधिकारिक पुष्टि की और सभी से योगदान देने के लिए आग्रह किया गया।
वर्ष 2023 की वर्ल्ड फूड डे की थीम क्या है?
वर्ष 2023 के लिए विश्व खाद दिवस का विषय है जल ही जीवन है जल ही भोजन है किसी को पीछे ना छोड़े, water is the life, water is food, leave no one behind।
क्या है खाद्य और कृषि संगठन (FAO)?
फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन यानी खाद और कृषि संगठन संयुक्त राष्ट्र की एक खास एजेंसी है जिसकी स्थापना 16 अक्टूबर 1945 को हुई थी। इसका हेड क्वार्टर है इटली के रोम में यह पूरी दुनिया में 130 से अधिक देशों में काम करता है खाद और कृषि संगठन का उद्देश्य सभी के लिए आवश्यक खाद्य सुरक्षा हासिल करना है।
World Food Day 2023: ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 की रिपोर्ट
ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 में भारत 125 देश में से 111 वें स्थान पर है जो भूख के गंभीर स्तर को दर्शाता है पाकिस्तान 102 वें स्थान पर ,बांग्लादेश 81 वें स्थान पर , नेपाल 69 वें श्रीलंका 60 वें स्थान पर है जैसे पड़ोसी देशों ने भारत से बेहतर स्कोर किया है
Global Hunger Index 2023: पर भारत सरकार की क्या प्रतिक्रिया है
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने रिपोर्ट की पद्धति के बारे में चिंता जताई है जिसमें गंभीर मुद्दे और दुर्भावना पूर्ण इरादे का सुझाव दिया गया है।
सरकार के पोषण ट्रैकर के डाटा से पता चलता है कि बाल दुर्बलता का प्रसार 7.2% से कम है जो ग्लोबल हंगर इंडेक्स के 18.7% के रिपोर्ट के आंकड़े के विपरीत है।
What is Food: भोजन क्या है?
हर व्यक्ति अपनी भूख मिटाने के लिए फूड को खाता है। भोजन की वजह से हर व्यक्ति जीवित और स्वस्थ रहता है। हर कार्य, भाग दौड़ भोजन की वजह से कर पता है।
हर व्यक्ति को भोजन और पानी ग्रहण करने का मौलिक अधिकार है।
Indian Air force day 2023: भारत आज मना रहा है 91वां भारतीय वायु सेना दिवस ,Indian Air force day भारत में प्रतिवर्ष 8 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना दिवस मनाया जाता है। भारत अपना 91वा वायु सेना दिवस मना रहा है। भारतीय वायु सेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी। इसके बाद से 8 अक्टूबर को हर वर्ष भारतीय वायुसेना दिवस मनाया जाता है। इस बार की थीम है “IAF एयर पावर बियोंड बाउंड्रीज (Air power beyond boundaries ” हैं
भारतीय वायु सेना दिवस 2023: फोटो सोशल मीडिया
भारतीय वायु सेना को आज मिलेगा नया ध्वज
भारतीय नौसेना के बाद अब भारतीय वायु सेना को भी नया ध्वज मिल जाएगा ।प्रयागराज में भारतीय वायुसेना के 91 वे स्थापना दिवस पर नए ध्वज का अनावरण वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी करेंगे ,यहां मध्य वायु कमान मुख्यालय बमरौली में वायु सेना की परेड के बाद वायु सेना के नए ध्वज का अनावरण किया जाएगा।
Indian Air force day 2023: के लिए थीम क्या है
IAF एयर पावर बियोंड बाउंड्रीज (Air power beyondboundaries ” हैं यानि भारतीय वायु सेना सीमाओं से पर वायु सेना निर्धारित की गई है
भारतीय वायु सेना की स्थापना कब हुई थी।
भारतीय वायु सेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 , यानि 90 साल पहले हुई थी।
भारतीय वायु सेना का motto मकसद क्या है
Touch the sky with glory यानी गरिमा के साथ आकाश को छुओ। यह वाक्य भगवत गीता से लिया गया है।
भारतीय वायु सेना के प्रमुख अधिकारी वर्तमान में
कमांडर इन के कमांडर इन चीप राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ CDS: जनरल अनिल चौहान
चीफ ऑफ़ द एयर स्टाफ CAS: एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी
गोल्ड मेडल विजेता नीरज और जेना साथी खिलाड़ी:फोटो सोशल मीडिया
नीरज चोपड़ा ने जीता गोल्ड मेडल
Asian Games 2023:चीन में खेले जा रहे एशियाई गेम्स 2023 में नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में 88.88 मीटर थ्रो में स्वर्ण पदक जीत लिया भारत के इतिहास में पहली बार जैवलिन थ्रो में सिल्वर और गोल्ड पदक एक साथ भारत ने जीते ।नीरज चोपड़ा ने लगातार दूसरी बार एशियाई खेलों में भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 88.88 मीटर की सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ स्वर्ण पदक जीता ,वहीं भारत के किशोर जेना ने 87.54 मीटर की सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ रजत पदक जीता नीरज ने 2018 में जकार्ता एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था वहीं किशोर का यह पहला एशियाई खेल है उन्होंने सिल्वर पदक जीता और जापान की गेंकी डीन 82.68 मी के साथ तीसरे स्थान पर रहे
जेना किशोर ने जीता अपना पहला सिल्वर मेडल
नीरज चोपड़ा और जेना किशोर गोल्ड मेडल और रजत विजेता फ़ोटो सोशल मीडिया
किसान पुत्र जेना किशोर ने एशियन गेम्स 2023 में जैवलिन थ्रो में रजत पदक अपने नाम किया और भारत का सर ऊंचा किया।